Edited By Tanuja,Updated: 10 Apr, 2018 10:31 AM
सीमा पर चीन गिद्ध दृष्टि के लिए चीन ने नई तकनीक विकसित की है। चीनी सेना सीमा सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए नए तरह के एेसे उपकरण विकसित कर रही है जिनका इस्तेमाल सभी तरह के मौसम में सीमा क्षेत्रों में निगरानी के लिए किया जा सकेगा। इनमें...
बीजिंग : सीमा पर चीन गिद्ध दृष्टि के लिए चीन ने नई तकनीक विकसित की है। चीनी सेना सीमा सुरक्षा प्रबंधन को मजबूत बनाने के लिए नए तरह के एेसे उपकरण विकसित कर रही है जिनका इस्तेमाल सभी तरह के मौसम में सीमा क्षेत्रों में निगरानी के लिए किया जा सकेगा। इनमें उपग्रह पूर्व चेतावनी प्रणाली जैसे उपकरण भी शामिल हैं।
सरकारी बीजिंग इवनिंग न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया है कि उपग्रह पूर्व चेतावनी निगरानी प्रणाली का ऐसे सीमावर्ती इलाकों में इस्तेमाल किया जाएगा जो विवाद में हैं या जहां प्रवेश और गश्त करना मुश्किल है। सीमा क्षेत्रों में निगरानी कैमरे का नेटवर्क भी विकसित किया जाएगा और उसका दायरा बढ़ाया जाएगा ताकि आंखों से न दिखने वाले स्थानों पर भी नजर रखी जा सके। हालांकि यह नहीं बताया गया कि यह चीन के किस सीमा क्षेत्र के लिए है या सभी क्षेत्रों के लिए है। भारत और चीन के बीच 3,488 किमी की वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) है।
ग्लोबल टाइम्स ने सैन्य विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग के हवाले से कहा है कि चीनी सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की निगरानी व्यवस्था, सूचना प्रणाली, उपकरणों और वाहनों की मदद से सुरक्षा को किसी भी तरह का खतरा होने पर पूर्व चेतावनी मिल सकेगी। सोंग ने कहा कि पीएलए को अपने उपकरणों का ऑटोमेशन स्तर बढ़ाना होगा। इसमें गश्त व मानवरहित निगरानी प्रणाली स्थापित करने के लिए ड्रोन और ट्रैकिंग वाहन शामिल हैं। यानी सीमा क्षेत्र निरंतर निगरानी और नियंत्रण में रहेंगे।