Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Apr, 2018 10:54 AM
मलक्का जलडमरू मध्य में दिन-रात चौकसी कर रही भारतीय नौसेना की नजर हिन्द महासागर में चीन के दो युद्धपोतों और एक टैंकर पर पड़ी जो अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ मिशन के तहत गश्त पर जा रहे थे। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि...
नई दिल्ली: मलक्का जलडमरू मध्य में दिन-रात चौकसी कर रही भारतीय नौसेना की नजर हिन्द महासागर में चीन के दो युद्धपोतों और एक टैंकर पर पड़ी जो अदन की खाड़ी में समुद्री लुटेरों के खिलाफ मिशन के तहत गश्त पर जा रहे थे। नौसेना के प्रवक्ता कैप्टन डी के शर्मा ने कहा कि भारतीय हितों को सुरक्षित रखने के लिए नौसेना ने 50 युद्धपोत तैनात कर रखे हैं। ये पोत फारस की खाडी से मलक्का जलडमरू मध्य, बंगाल की खाड़ी से दक्षिणी हिन्द महासागर और अफ्रीका के पूर्वी तट तक तैनात हैं। नौसेना के इन पोतों का काम इन क्षेत्रों में चीनी पोतों की मौजूदगी पर निरंतर नजर बनाए रखना है। भारतीय युद्धपोतों को मलक्का में पिछले वर्ष जुलाई में तैनात किया गया था।
भारत का मानना है कि महासागर में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखना उसकी जिम्मेदारी है। भारतीय नौसेना ने ट्वीट किया कि भारतीय नौसेना हिन्द महासागर में समुद्री लुटेरों के खिलाफ मिशन के तहत गश्त के लिए चीनी नौसेना का स्वागत करती है। कैप्टन शर्मा ने कहा कि हम समुद्री कानूनों और हिन्द महासागर में नौवहन की आजादी का सम्मान करते हैं। समुद्री लुटेरों के खिलाफ मिशन के तहत गश्त के दौरान चीनी युद्धपोत अफ्रीका में जिबूती और पाकिस्तान के ग्वादर तथा कराची जाते रहते हैं। पहले वे श्रीलंका भी जाते थे लेकिन पिछले कुछ समय से वहां नहीं जा रहे हैं। इससे पहले वर्ष 2011 में भारतीय युद्धपोतों का आमना सामना चीन के युद्धपोतों से हुआ था।