Edited By Anil dev,Updated: 27 Jul, 2019 06:41 PM
आज भारतीय वायुसेना की ताकत में और इज़ाफा होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टरों के बेड़े में शामिल होने वाले अमेरिकी लड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे के लिए इंतजार खत्म हो रहा है।
नेशनल डेस्कः अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी बोइंग ने शनिवार को भारतीय वायुसेना को 22 अपाचे लड़ाकू हेलीकाप्टरों में से पहले चार हेलीकाप्टर सौंप दिए जबकि चार और हेलीकाप्टरों की अगली खेप अगले सप्ताह सौंप देगा। बेहद खतरनाक माने जाने वाले एएच-64ई अपाचे हेलीकाप्टरों की पहली खेप की आपूर्ति हिंडन एअरबेस पर की गई। हेलीकाप्टरों की यह आपूर्ति इन हेलीकाप्टरों के लिए करोड़ों डालर का सौदे होने के लगभग चार वर्षों बाद की गई है।
बोइंग ने कहा, ‘‘उसके बाद आठ हेलीकाप्टर पठानकोट वायुसेना स्टेशन जाएंगे जिससे कि उन्हें सितम्बर में वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया जा सके। अपाचे हेलीकाप्टरों का निर्धारित समय से पहले पहुंचना भारत के रक्षा बलों को आधुनिक बनाने को लेकर बोइंग की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। बोइंग ने भारतीय वायुसेना के साथ अपनी वर्तमान साझेदारी से मिशन तत्परता की उच्च दर और परिचालन क्षमताओं में वृद्धि सुनिश्चित की है।'' कंपनी ने पूरी दुनिया में अपने उपभोक्ताओं को 2200 से अधिक अपाचे हेलीकाप्टरों की आपूर्ति की है और भारत 14वां देश है जिसने उसे अपनी सेना के लिए चुना है।
बढ़ेगी भारतीय वायुसेना की ताकत
भारतीय वायुसेना ने सितम्बर 2015 में अमेरिकी सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ 22 अपाचे हेलीकाप्टरों के लिए करोड़ों डालर के एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे। इसके अतिरिक्त रक्षा मंत्रालय ने बोइंग से 2017 में 4168 करोड़ रुपये कीमत पर सेना के लिए हथियारों के साथ छह अपाचे हेलीकाप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी। भारतीय वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अपाचे बेड़े के जुड़ने से बल की लड़ाकू क्षमतओं में काफी वृद्धि होगी क्योंकि हेलीकाप्टर में वायुसेना की भविष्य की जरुरतों को ध्यान में रखते हुए बदलाव किए गए हैं।
यह है अपाचे की खासियत
- करीब 16 फुट ऊंचे और 18 फुट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना ज़रूरी है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए दो इंजन होते हैं।
- अपाचे हेलीकॉप्टर का डिजाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकडऩा मुश्किल होता है।
- बोइंग के अनुसार, बोइंग और अमरीकी फ़ौज के बीच स्पष्ट अनुबंध है कि कंपनी इसके रखरखाव के लिए हमेशा सेवाएं तो देगी पर ये मुफ़्त नहीं होंगी।
- अपाचे हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
- इस हेलीकॉप्टर की फ्लाइंग रेंज करीब 550 किलोमीटर है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
- नाइट विजन सिस्टम की मदद से रात में भी दुश्मनों की टोह लेने, हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट दागने और मिसाइल आदि ढोने में सक्षम।
- अपाचे दुनिया के उन चुनिंदा हेलीकॉप्टर्स में शामिल है जो किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला कर सकता है।