Edited By Anil dev,Updated: 11 May, 2019 02:22 PM
अब भारत आकाश में और ताकतवर हो गया है। अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी बोइंग ने भारतीय वायुसेना को 22 अपाचे गार्जियन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से पहला हेलीकॉप्टर सौंप दिया है। अरबों डॉलर का यह हेलीकॉप्टर सौदा लगभग साढ़े तीन साल पहले हुआ था।
नई दिल्ली: अब भारत आकाश में और ताकतवर हो गया है। अमेरिकी एरोस्पेस कंपनी बोइंग ने भारतीय वायुसेना को 22 अपाचे गार्जियन लड़ाकू हेलीकॉप्टरों में से पहला हेलीकॉप्टर सौंप दिया है। अरबों डॉलर का यह हेलीकॉप्टर सौदा लगभग साढ़े तीन साल पहले हुआ था। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि एएच-64ई (आई) अपाचे हेलीकॉप्टर को शामिल करना बल के हेलीकॉप्टर बेड़े के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय वायुसेना की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया हेलीकॉप्टर
अधिकारियों ने कहा कि हेलीकॉप्टर को भारतीय वायुसेना की भविष्य की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है और यह पर्वतीय क्षेत्र में महत्वपूर्ण क्षमता प्रदान करेगा। भारतीय वायुसेना के प्रवक्ता ग्रुप कैप्टन अनुपम बनर्जी ने कहा, च्च्पहला एएच-64ई (आई) अपाचे गार्जियन हेलीकॉप्टर भारतीय वायुसेना को 10 मई को अमेरिका के मेसा, एरिजोना स्थित बोइंग के उत्पादन प्रतिष्ठान में औपचारिक रूप से सौंपा गया। एएच-64ई अपाचे एक अग्रणी बहुउद्देश्यीय लड़ाकू हेलीकॉप्टर है और इसे अमेरिकी सेना इस्तेमाल करती है। भारतीय वायुसेना ने सितंबर 2015 में 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों के लिए अमेरिका सरकार और बोइंग लिमिटेड के साथ अरबों डॉलर के सौदे पर दस्तखत किए थे। इन हेलीकॉप्टरों की पहली खेप इस साल जुलाई तक भारत भेजे जाने का कार्यक्रम है।
छह और अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को दी थी मंजूरी
वायुसेना ने एक बयान में कहा, चुनिंदा चालक दल सदस्यों और जमीनी कार्य सदस्यों ने फोर्ट रकर, अलबामा स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे के प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों में प्रशिक्षण हासिल किया है। ये कर्मी भारतीय वायुसेना में अपाचे बेड़े के परिचालन का नेतृत्व करेंगे। इसने कहा, हेलीकॉप्टर में सटीक मार करने और जमीन से उत्पन्न खतरों के बीच प्रतिकूल हवाईक्षेत्र में परिचालित होने की क्षमता है। वायुसेना ने कहा कि डेटा नेटवर्किंक के जरिए हथियार प्रणाली से और हथियार प्रणाली तक, युद्धक्षेत्र की तस्वीरें प्राप्त करने और भेजने की इसकी क्षमता इसकी खूबियों को और भी घातक बना देती है। इसने कहा, ये लड़ाकू हेलीकॉप्टर जमीनी बलों की सहायता के लिए भविष्य के किसी भी संयुक्त अभियान में महत्वपूर्ण धार उपलब्ध करांएगे। रक्षा मंत्रालय ने इसके साथ ही 2017 में 4,168 करोड़ रुपए की लागत से बोइंग से हथियार प्रणालियों सहित छह और अपाचे हेलीकॉप्टरों की खरीद को मंजूरी दी थी।
यह है अपाचे की खासियत
- करीब 16 फुट ऊंचे और 18 फुट चौड़े अपाचे हेलीकॉप्टर को उड़ाने के लिए दो पायलट होना ज़रूरी है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर के बड़े विंग को चलाने के लिए दो इंजन होते हैं।
- अपाचे हेलीकॉप्टर का डिजाइन ऐसा है कि इसे रडार पर पकडऩा मुश्किल होता है।
- बोइंग के अनुसार, बोइंग और अमरीकी फ़ौज के बीच स्पष्ट अनुबंध है कि कंपनी इसके रखरखाव के लिए हमेशा सेवाएं तो देगी पर ये मुफ़्त नहीं होंगी।
- अपाचे हेलीकॉप्टर के नीचे लगी राइफल में एक बार में 30 एमएम की 1,200 गोलियां भरी जा सकती हैं।
- इस हेलीकॉप्टर की फ्लाइंग रेंज करीब 550 किलोमीटर है।
- अपाचे हेलीकॉप्टर एक बार में पौने तीन घंटे तक उड़ सकता है।
- नाइट विजन सिस्टम की मदद से रात में भी दुश्मनों की टोह लेने, हवा से जमीन पर मार करने वाले रॉकेट दागने और मिसाइल आदि ढोने में सक्षम।
- अपाचे दुनिया के उन चुनिंदा हेलीकॉप्टर्स में शामिल है जो किसी भी मौसम या किसी भी स्थिति में दुश्मन पर हमला कर सकता है।