अपनी माता रीना पासवान के लिए राज्यसभा सीट हाथ से निकलने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (एल.जे.पी.) के प्रमुख चिराग पासवान अब लुटियंस दिल्ली में जनपथ पर महलनुमा बंगला अपने पास...
नई दिल्लीः अपनी माता रीना पासवान के लिए राज्यसभा सीट हाथ से निकलने के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (एल.जे.पी.) के प्रमुख चिराग पासवान अब लुटियंस दिल्ली में जनपथ पर महलनुमा बंगला अपने पास बरकरार रखने के लिए जी-तोड़ कोशिश कर रहे हैं। जब 3 दशक पहले रामविलास पासवान विश्वनाथ प्रताप सिंह सरकार में मंत्री बने थे, तब उन्हें 12-जनपथ पर स्थित यह बंगला आबंटित किया गया था।
पासवान ने जब अंतिम सांस ली, उस समय वह मोदी सरकार में खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री थे। उनके पुत्र चिराग पासवान, जो उनके बाद लोजपा के अध्यक्ष बने, दूसरी बार लोक सभा सांसद हैं परंतु उन्हें अभी भी टाइप-8 बंगला आबंटित नहीं हुआ है। आवास एवं शहरी मंत्रालय के अंतर्गत अब पासवान वाला यह बंगला ‘जनरल कैटेगरी’ में आ गया है।
चिराग को पहला झटका तब लगा जब उनके ‘राम’ (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) ने उन्हें राज्यसभा सीट नहीं दी। अब चूंकि कैबिनेट में भी कोई पद खाली नहीं है तो चिराग के पास बंगला खाली करने के अलावा कोई चारा नहीं बचता है।
हां, यदि केंद्रीय आवास समिति चाहे तो वह चिराग को ‘विशेष परिस्थितियों’ के तहत बंगला अपने पास रखने की अनुमति दे सकती है। यह देखना होगा कि इस ‘हनुमान’ का क्या होगा? इन हालात में भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा का बयान चिराग को कुछ सांत्वना देता दिख रहा है। नड्डा से पूछा गया था कि ‘क्या चिराग अभी भी एन.डी.ए. का हिस्सा हैं या नहीं?’ तो नड्डा का जवाब था-‘बिहार में जो हुआ सो हुआ, केंद्र में मामला भिन्न है।’
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