Edited By Seema Sharma,Updated: 20 May, 2018 04:37 PM
मेघालय से सशस्त्र सेना (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) हटाने के बाद केन्द्र सरकार अब असम और अरुणाचल प्रदेश में भी इसे आंशिक रूप से हटाने पर विचार कर रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की सरकारों वाले इन दोनों राज्यों में...
नई दिल्ली: मेघालय से सशस्त्र सेना (विशेषाधिकार) अधिनियम (अफस्पा) हटाने के बाद केन्द्र सरकार अब असम और अरुणाचल प्रदेश में भी इसे आंशिक रूप से हटाने पर विचार कर रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी की सरकारों वाले इन दोनों राज्यों में कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार हुआ है और इसे ध्यान में रखते हुए इन राज्यों से अफस्पा को आंशिक रूप से हटाने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा है कि हमें खुफिया जानकारी मिली है जिसमें यह संकेत मिलता है कि इन दोनों राज्यों के कुछ क्षेत्र उग्रवाद मुक्त हो रहे हैं। इसे ध्यान में रखते हुए केन्द्र ने दोनों सरकारों से इस बारे में राय मांगी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अंतिम निर्णय पर पहुंचने से पहले सभी बातों का आकलन कर रही है और वह सेना तथा अन्य सुरक्षा एजेन्सियों के साथ भी सलाह मशिवरा कर रही है।
केन्द्र सरकार ने सुरक्षा स्थिति में सुधार के बाद गत अप्रैल में अफस्पा को मेघालय से पूरी तरह से हटाने का निर्णय लिया था। यदि असम से अफस्पा हटाया जाता है तो इस अधिनियम से मुक्त होने वाला यह पूर्वोत्तर का चौथा राज्य बन जाएगा। इससे पहले मिजोरम, त्रिपुरा और मेघालय से अफस्पा हटाया जा चुका है। गत फरवरी में ही असम में अफसपा की अवधि छह महीने के लिए बढाने का निर्णय लिया गया था। सूत्रों के अनुसार यह निर्णय सुरक्षा स्थिति की व्यापक समीक्षा के आधार पर लिया जाता है। अफस्पा के तहत सुरक्षा बलों को अशांत क्षेत्रों में विभिन्न अभियान चलाने के लिए विशेष अधिकार हासिल हैं।