Edited By Yaspal,Updated: 07 Jul, 2019 10:03 PM
सीआईसी ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति और पारदर्शिता कानून से जुड़े रिकॉर्ड देने से इंकार करने के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को फटकार लगाई है और सचिव से कहा है कि आयोग की ‘‘विपरीत टिप्पणी'''' पर गौर फरमाएं...
नई दिल्लीः सीआईसी ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति और पारदर्शिता कानून से जुड़े रिकॉर्ड देने से इंकार करने के लिए कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) को फटकार लगाई है और सचिव से कहा है कि आयोग की ‘‘विपरीत टिप्पणी'' पर गौर फरमाएं। सूचना आयुक्त (सीआईसी) दिव्य प्रकाश सिन्हा, कोमोडोर लोकेश बत्रा (सेवानिवृत्त) से सहमत थे कि सूचना देने से इंकार करना कानून की ‘‘आत्मा'' का गला घोंटना है।
सिन्हा ने सूचना आयुक्तों की नियुक्ति और आरटीआई कानून से जुड़ी सूचना देने से इंकार करने के लिए गलत तरीके से धारा 8 (1) (आई) का हवाला देने के लिए मंत्रालय को फटकार लगाई। उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वर्तमान मामले में जो सूचना देने से इंकार किया गया है वह आरटीआई कानून के तहत सूचना आयुक्तों की नियुक्ति से जुड़ा हुआ है।''
सिन्हा ने कहा कि आयोग तत्कालीन केंद्रीय जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआईओ) की निंदा करता है जिन्होंने आरटीआई कानून की धारा 8 (1) (आई) का हवाला दिया है और वर्तमान सीपीआईओ को चेतावनी दी जाती है कि जवाब देने में इस तरह बिना सोचे समझे काम नहीं करें। उन्होंने निर्देश दिया कि इस आदेश को मंत्रालय के सचिव के समक्ष रखें और उसे बताए कि आयोग ने इसमें ‘‘विपरीत टिप्पणी'' दी है।
बत्रा ने सूचना देने की मांग करते हुए दो अलग-अलग आरटीआई दायर की थी लेकिन उन्हें इस आधार पर सूचना देने से इंकार कर दिया गया कि ये कैबिनेट के दस्तावेज हैं जिनका खुलासा अंतिम निर्णय पर पहुंचे बगैर नहीं किया जा सकता है।