राज्यसभा में CAB पेश, शाह बोले-भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और रहेंगे

Edited By Seema Sharma,Updated: 11 Dec, 2019 12:37 PM

citizenship amendment bill introduced in rajya sabha

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार राज्यसभा में विचार के लिए पेश किया गया। शाह ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इससे करोड़ों लोगों को उम्मीद है और उनको सम्मान का हक मिलेगा। शाह ने कहा कि पाकिस्तान में 20 लाख...

नेशनल डेस्कः केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल को बुधवार राज्यसभा में विचार के लिए पेश किया गया। शाह ने कहा कि देश के मुस्लिम नागरिक किसी के बहकावे में न आए। उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान देश के नागरिक थे, हैं और बने रहेंगे, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि भारत की आजादी के बाद तीन देशों- पाकिस्तान, बंग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत दुनिया भर से आए मुस्लिम प्रवासियों को नागरिकता नहीं दे सकता, यह विधेयक तीन देशों में उत्पीड़न का सामना कर रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए है।

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शाह ने राज्यसभा में बिल पेश करते हुए कहा कि इससे करोड़ों लोगों को उम्मीद है और उनको सम्मान का हक मिलेगा। शाह ने कहा कि पाकिस्तान में 20 लाख अल्पसंख्यक कहां गए। उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर प्रताड़ित लोगों को नागरिकता मिलेगी। राज्यसभा की कार्यवाही की सूची के मुताबिक दोपहर 2 बजे इस बिल पर चर्चा शुरू होगी। राज्यसभा में इस बिल पर चर्चा की खातिर 6 घंटे का समय तय किया गया है। वहीं राज्यसभा में आज प्रश्नकाल नहीं हुआ, सीधे बिल को पेश किया गया। बिल की गंभीरता को देखते हुए भाजपा के साथ-साथ कांग्रेस, टीएमसी और सपा ने भी अपने सांसदों को राज्यसभा में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन व्हिप जारी किया है।

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शिवसेना का यू-टर्न
लोक सभा में जेडीयू, शिवसेना, बीजेडी और पूर्वोत्तर के कुछ दलों के साथ आने की वजह से लोकसभा में मोदी सरकार को बिल पास कराने में कोई दिक्कत नहीं आई। मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का तब तक समर्थन नहीं करेगी जब तक कि उनके सवालों का जवाब नहीं दिया जाता। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी तब तक नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन नहीं करेगी जब तक कि चीजें स्पष्ट नहीं होती हैं। हालांकि शिवसेना के साथ नहीं होने पर भी सरकार बेफिक्र है। राज्यसभा में कुल सदस्य 245 हैं लेकिन फिलहाल पांच सीटें खाली हैं जिसके चलते राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 240 है। इसका मतलब यह है कि बिल के लिए अगर सदन के सभी सदस्य मतदान करें तो बहुमत के लिए 121 वोटों की जरूरत पड़ेगी।

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भाजपा के पास 127 वोट
राज्यसभा में भाजपा के 83, जेडीयू के 6, एआईएडीएमके के 11, बीजेडी के 7, एसएडी के 3, आरपीआई के 1, एलजेपी के 1, वाईएसआर कांग्रेस के 2, टीडीपी के 2, एजीपी के 1, बीपीएफ के 1, एनपीएफ के 1, एसडीएफ के 1, नॉमिनेटेड 3 सदस्य, निर्दलीय एवं अन्य 4 सदस्यों के साथ कुल 127 सांसद हैं जो बिल के पक्ष में वोट कर सकते हैं। हालांकि सरकार की तरफ के दो सांसद स्वास्थ्य कारणों की वजह से अनुपस्थित भी रह सकते हैं। ऐसे में सरकार के लिए बिल पास कराना मुश्किल नहीं होगा लेकिन जेडीयू में भी इस बिल को लेकर दो सुर हैं।

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विपक्ष का नंबर गेम
जो दल इस बिल का विरोध कर रहे हैं राज्यसभा में उनकी कुल संख्या सिर्फ 113 है। बिल के विरोध में कांग्रेस के (46), टीएमसी के (13), एनसीपी के (4), सपा के (9), आप के (3), बसपा के (4), सीपीआई के (1), सीपीएम के (5), डीएमके के (5), आईयूएमएल के (1), पीडीपी के (2), जेडीएस के (1), केरल कांग्रेस एम के (1), एमडीएमके के (1), पीएमके के (1), आरजेडी के (4), शिवसेना के (3), टीआरएस के (6), नॉमिनेटेड सदस्य (1) और 2 निर्दलीय एवं अन्य के साथ कुल 113 सांसद हैं।

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