Edited By vasudha,Updated: 14 Dec, 2019 05:41 PM
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम तथा देश के कुछ हिस्सो में विरोध प्रदर्शन से भारतीय जनता पार्टी में कई नेताओं को आश्चर्य हो रहा है लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इस विवादास्पद कानून के लागू होने से उसे फयदा होगा...
नेशनल डेस्क: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम तथा देश के कुछ हिस्सो में विरोध प्रदर्शन से भारतीय जनता पार्टी में कई नेताओं को आश्चर्य हो रहा है लेकिन उन्हें पूरा भरोसा है कि इस विवादास्पद कानून के लागू होने से उसे फयदा होगा। भाजपा असम में सत्ता में है जबकि पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में या तो अपने बल पर अथवा क्षेत्रीय दलों के साथ सत्ता में है। भाजपा नेताओं का मानना है कि स्थिति नियंत्रण में आ जायेगी हालांकि उन्हें असम में इसके प्रभावों को लेकर कुछ चिंताएं भी है।
असम में बांग्लादेश से अवैध घुसपैठ के मुद्दे पर हिन्दू एकजुटता के कारण पार्टी 2016 में पहली बार सत्ता में आई थी। हालांकि स्थानीय असमिया पहचान के मुद्दे पर अगर यह विरोध प्रदर्शन ज्यादा समय तक रहा तब इसमें राजनीतिक गणित को बदलने की क्षमता भी है। वहीं भाजपा नेता इसके कारण पश्चिम बंगाल में अपनी संभावनाओं को लेकर काफी उत्साहित हैं जहां इसके कारण काफी संख्या में लोगों को लाभ होगा। पार्टी के पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने दावा किया कि इनकी संख्या दो करोड़ हो सकती है। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी पर राज्य में अशांति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
गौरतलब है कि असम और पश्चिम बंगाल दोनों राज्यों में अप्रैल..मई 2021 में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं जब तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी में भी चुनाव होंगे। संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी थी और अब राष्ट्रपति की मंजूरी एवं अधिसूचना जारी होने के बाद यह कानून बन गया है। इसमें 31 दिसंबर 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने का पात्र बनाने का प्रावधान है।
बहरहाल, पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री फिरहाद हाकिम ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून,2019 को लेकर पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शन से केवल भाजपा को ही लाभ होगा। उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन से राज्य को मदद नहीं मिलेगी जबकि इससे भाजपा के हाथ मजबूत होंगे ।