दीपक मिश्रा के विदाई समारोह में बार एसोसिएशन अध्यक्ष बोले, परिस्थितियों के शिकार रहे CJI

Edited By Seema Sharma,Updated: 02 Oct, 2018 03:39 PM

cji deepak mishra victim of the circumstances bar association president

भारत के निवर्तमान चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने सोमवार को आखिरी बार सुप्रीम कोर्ट की कमान संभाली। वहीं सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने सीजेआई मिश्रा कुछ परिस्थितियों के शिकार रहे

नई दिल्ली: भारत के निवर्तमान चीफ जस्टिस (सीजेआई) दीपक मिश्रा ने सोमवार को आखिरी बार सुप्रीम कोर्ट की कमान संभाली। वहीं सर्वोच्च न्यायालय बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने सीजेआई मिश्रा कुछ परिस्थितियों के शिकार रहे और कुछ वकीलों ने इसका इस्तेमाल संस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए किया। एससीबीए प्रमुख ने कहा कि यदि हालात जस के तस बने रहते और बार ने मिश्रा का समर्थन नहीं किया होता तो सुप्रीम कोर्ट को अपूरणीय क्षति हो चुकी होती।’’ मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और कुछ मेडिकल कॉलेजों से जुड़े मुकद्दमों पर विवाद, जिसके वकीलों में सिंह भी शामिल थे, के बारे में एससीबीए अध्यक्ष ने कहा कि उनकी ओर से लिखे गए खुले पत्र का मकसद सीजेआई मिश्रा का समर्थन करना नहीं बल्कि देश के सामने सच को लाना और यह सुनिश्चित करना था कि कोर्ट की गरिमा को ठेस नहीं पहुंचे।

सिंह ने कहा कि मैं बार का अध्यक्ष था, लेकिन एमसीआई का वकील भी था जिसके खिलाफ वह आदेश प्राप्त करने की योजना थी। उन्होंने कहा कि अलग-अलग लोगों, जिनमें कुछ तो बहुत ऊंचे ओहदे पर थे, द्वारा आरोप लगाए गए। लेकिन किसी ने उनका नजरिया नहीं पूछा, क्योंकि आखिरकार एक आदेश पारित किया जाना था।  सिंह ने कहा कि खुली अदालत में लिखवाए गए आदेश के बारे में कहा गया कि उसे कुछ लोगों के इशारे पर बाद में बदलवाया गया। आठ अलग-अलग मामलों में जब ऐसे ही आदेश पारित किए गए तो उसी दिन तीन जज मिलकर उन मामलों की समीक्षा तीन सदस्यीय पीठ में कर सकते थे।’’ न्यायमूर्ति मिश्रा और नए सीजेआई नियुक्त किए गए रंजन गोगोई की मौजूदगी में सिंह ने कहा, ‘‘यह संदेह भी जताया गया कि आदेश खुली अदालत में लिखवाया गया कि नहीं और वह भी आरोप का हिस्सा था।’’

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