CJI गोगोई ने लंबित केसों पर PM मोदी को लिखी चिट्ठी, जजों की संख्या बढ़ाने का दिया सुझाव

Edited By vasudha,Updated: 22 Jun, 2019 07:09 PM

cji gogoi wrote letter to pm modi on c

देश की अदालतों पर मुकदमों के लगातार बढ़ते बोझ पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक बार फिर चिंता जताई है। इसके तहत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर मुकदमों के निपटारे के लिए जजों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है। गोगोई ने पीएम को तीन...

नेशनल डेस्क: देश की अदालतों पर मुकदमों के लगातार बढ़ते बोझ पर चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एक बार फिर चिंता जताई है। इसके तहत उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिख कर मुकदमों के निपटारे के लिए जजों की संख्या बढ़ाने का अनुरोध किया है। गोगोई ने पीएम को तीन चिट्ठी लिखी हैं।
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मुख्य न्यायाधीश ने चिट्ठी में सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ दो संवैधानिक संशोधनों का अनुरोध किया है। उन्होंने लिखा कि अदालतों में कई सालों से हजारों मामले में लंबित पड़े हैं, जिनके निपटारे के लिए जजों की संख्या बढ़नी चाहिए। इसके साथ ही गोगोई ने कोर्ट  के जजों की रिटायरमेंट आयु सीमा को बढ़ाने का भी सुझाव दिया। 
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मुख्य न्यायाधीश ने लिखा कि सुप्रीम कोर्ट में इस समय न्यायाधीशों का कोई पद खाली नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में अभी कुल 31 न्यायाधीश हैं जबकि कोर्ट में कुल 58669 मामले लंबित हैं। नए मामले आने की वजह से ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने बताया कि 26 केस 25 सालों से, 100 केस 20 सालों से, 593 केस 15 सालों से और 4977 केस पिछले 10 सालों से सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं। सीजेआई ने सुझाव दिया कि लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार सेवानिवृत्त जजों को फिक्स कार्यकाल के लिए नियुक्त करने की व्यवस्था लागू कर सकती है। 
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गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए लिखा  कि लंबित मुकदमों का ये हाल है कि यहां 26 मुकदमे 25 साल, 100 से ज्यादा मुकदमे 20 साल, करीब 600 मुकदमे 15 साल और 4980 मुकदमे पिछले दस साल से चल ही रहे हैं। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में न्यायमूर्ति बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति सूर्य कांत, न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना के शपथ लेने के बाद सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या पूरी हो गई थी। अब सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या 31 हो गई है और अदालत में अब कोई पद खाली नहीं है। 

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