CJI पर आरोप लगाने वाली महिला के खिलाफ जमानत रद्द मामले पर अगले हफ्ते होगी सुनवाई

Edited By Yaspal,Updated: 20 Apr, 2019 06:15 PM

cji to hear bail plea against woman accused on hearing next week

दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कहा कि वह सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन दुराचार का आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी की धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी के मामले में जमानत रद्द करने की पुलिस की अर्जी पर 24 अप्रैल को सुनवाई करेगी...

नई दिल्लीः दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कहा कि वह सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन दुराचार का आरोप लगाने वाली उच्चतम न्यायालय की एक पूर्व कर्मचारी की धोखाधड़ी और आपराधिक धमकी के मामले में जमानत रद्द करने की पुलिस की अर्जी पर 24 अप्रैल को सुनवाई करेगी। मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट मनीष खुराना ने यह मामला 24 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया क्योंकि आरोपी को पुलिस की अर्जी की प्रति नहीं भेजी गई है। पुलिस ने महिला को 12 मार्च को मिली जमानत रद्द करने का अनुरोध किया है।

दरअसल, शिकायतकर्ता ने दावा किया था कि उन्हें महिला और उसके सहयोगियों से धमकी मिल रही है। कथित धोखाधड़ी, आपराधिक धमकी और आपराधिक साजिश रचने के अपराध में महिला के खिलाफ तीन मार्च को एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इस सिलसिले में यहां तिलक मार्ग पुलिस थाना को हरियाणा के झज्जर निवासी नवीन कुमार से एक शिकायत मिली थी। कुमार ने आरोप लगाया था कि शीर्ष न्यायालय की पूर्व कर्मचारी ने उनसे 50,000 रूपये की धोखाधड़ी की है जिसे उसने अदालत में नौकरी दिलाने के एवज में रिश्वत के तौर पर लिया था।

महिला पर लगाया धोखाधड़ी का आरोप
कुमार ने दावा किया कि अपनी नौकरी के सिलसिले में जून 2017 में वह एक साझा मित्र मनसा राम के जरिए महिला से मिला था और महिला ने उससे कहा था कि वह उच्चतम न्यायालय के एक न्यायाधीश की निजी सहायक है और उसके पति भी एक अधिकारी हैं। कुमार ने कहा कि महिला ने दावा किया था कि उसकी अच्छी पहुंच है और वह उसे करीब डेढ़ महीने में सुप्रीम कोर्ट में प्रोसेस सर्वर या चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी की नौकरी दिला सकती है।

महिला को दी थी रिश्वत
साथ ही, इसके लिए उसने कथित तौर पर 10 लाख रूपये मांगे थे। पुलिस ने महिला की जमानत रद्द करने की अर्जी में कहा है कि शिकायतकर्ता ने झांसे में आकर महिला को उच्चतम न्यायालय परिसर में राम की मौजूदगी में 50,000 रूपये की अग्रिम राशि दी थी। तीन महीने बाद तक उसे नौकरी के बारे में कोई सूचना नहीं मिली, जिसके बाद उसने राम के साथ फिर से महिला से सुप्रीम कोर्ट परिसर में मुलाकात की।

झूठे मामले में फंसाने की दी धमकी
अर्जी के मुताबिक महिला ने उनसे कहा कि नौकरी में और वक्त लगेगा और उसे सुप्रीम कोर्ट में नहीं आना चाहिए तथा उसे कुछ झूठे मामले में फंसाने की धमकी भी दी। कुमार ने कहा कि वह राम के संपर्क में बना रहा। लेकिन बीमारी के चलते इस साल जनवरी में राम की मृत्यु हो गई। कुमार ने आरोप लगाया कि महिला और उसके पति ने रूपये वापस मांगे जाने पर उसे जान से मारने की धमकी दी। जांच के दौरान महिला को पुलिस ने 10 मार्च को गिरफ्तार किया और उसे अगले दिन एक अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया।

हालांकि, 12 मार्च को उसे जमानत मिल गई। इसके बाद, 14 मार्च को इस मामले की जांच दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के हाथों में आ गई और शिकायकर्ता ने डीसीपी को एक अर्जी देकर कहा कि उसे महिला और उसके सहयोगियों से धमकी मिल रही है। पुलिस ने अपनी अर्जी में अदालत से यह भी कहा कि झज्जर के एसएसपी को शिकायतकर्ता को पर्याप्त सुरक्षा देने के लिए एक पत्र भेजा गया है। उल्लेखनीय है कि महिला ने शुक्रवार को शीर्ष न्यायालय के 22 न्यायाधीशों के आवास पर एक शपथपत्र भेजा था। इसमें उसने सीजेआई द्वारा कथित छेड़छाड़ की दो घटनाओं का जिक्र किया है।

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