दिवंगत पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्मरण के प्रकाशन पर आपस में भिडे़ पुत्र-पुत्री

Edited By Yaspal,Updated: 15 Dec, 2020 08:54 PM

clash over publication of memoir of late former president pranab mukherjee

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता के संस्मरण का हवाला देकर मीडिया में आई कुछ बातों को ‘प्रेरित'' करार देते हुए मंगलवार को प्रकाशक से आग्रह किया कि वह उनकी लिखित सहमति तक इस पुस्तक का प्रकाशन बंद करे। पूर्व सांसद...

नई दिल्लीः पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने अपने पिता के संस्मरण का हवाला देकर मीडिया में आई कुछ बातों को ‘प्रेरित' करार देते हुए मंगलवार को प्रकाशक से आग्रह किया कि वह उनकी लिखित सहमति तक इस पुस्तक का प्रकाशन बंद करे। पूर्व सांसद अभिजीत ने यह भी कहा कि उन्होंने पुस्तक 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' का प्रकाशन रोकने के लिए ‘रूपा प्रकाशन' को पत्र लिखा है, जो इसका प्रकाशन कर रही थी। दरअसल, प्रकाशन की ओर से मीडिया में जारी पुस्तक के अंशों के मुताबिक, इसमें मुखर्जी ने राष्ट्रपति के तौर अपने अनुभवों और कांग्रेस के नेतृत्व में संदर्भ कई बातों का उल्लेख किया है।

सार्वजनिक हुए अंशों के अनुसार, इसमें मुखर्जी ने लिखा है कि उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कांग्रेस राजनीतिक दिशा से भटक गई और कुछ पार्टी सदस्यों का यह मानना था कि अगर 2004 में वह प्रधानमंत्री बनते तो 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए करारी हार वाली नौबत नहीं आती। मुखर्जी अपने निधन से पहले संस्मरण 'द प्रेसिडेंशियल ईयर्स' को लिख चुके थे। रूपा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक जनवरी, 2021 से पाठकों के लिए उपलब्ध होने वाली थी मुखर्जी का कोरोना वायरस संक्रमण के बाद हुई स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के करण गत 31 जुलाई को 84 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था।

अभिजीत ने ‘रूपा प्रकाशन' और इसके प्रबंध निदेशक कपिश मेहरा को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘‘संस्मरण के लेखक के पुत्र होने के कारण मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि इस पुस्तक और मेरी सहमति के बिना मीडिया के कुछ हिस्सों में आए पुस्तक के प्रेरित अंशों का प्रकाशन बंद करिए।'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता इस दुनिया में नहीं हैं। ऐसे में उनका पुत्र होने के कारण मैं पुस्तक की सामग्री का अध्ययन करना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि अगर मेरे पिता जीवित होते तो वह भी ऐसा ही करते।''

पूर्व कांग्रेस सांसद ने कहा, ‘‘ऐसे में मैं आप लोगों से आग्रह करता हूं कि जब तक मैं इसका अध्ययन नहीं कर लेता, तब तक आप लोग मेरी लिखित सहमति के बिना इस पुस्तक का प्रकाशन तत्काल रोकिए। मैं इस बारे में आप लोगों को पहले विस्तृत पत्र भेज चुका हूं।'' अभिजीत के इस ट्वीट पर मेहरा और उनके प्रकाशन की तरफ से फिलहाल कोई जवाब नहीं आया है।

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