रिश्वत कांड में पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को क्लीन चिट

Edited By Yaspal,Updated: 07 Mar, 2020 10:10 PM

clean chit to former special director rakesh asthana in bribery case

सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को रिश्वत कांड में केंद्रीय जांच एजेंसी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार को क्लीन चिट दे दी। सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर सहमति देते हुए विशेष जज संजीव अग्रवाल ने कहा कि अस्थाना और...

नई दिल्लीः सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को रिश्वत कांड में केंद्रीय जांच एजेंसी के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना और डीएसपी देवेंद्र कुमार को क्लीन चिट दे दी। सीबीआई की ओर से दायर चार्जशीट पर सहमति देते हुए विशेष जज संजीव अग्रवाल ने कहा कि अस्थाना और कुमार के खिलाफ आगे कार्रवाई के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं। अगर भविष्य में जांच में नए तथ्य सामने आते हैं तो हम देखेंगे। जांच एजेंसी ने 11 फरवरी को दायर चार्जशीट में अस्थाना और अन्य आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के सबूत नहीं होने की बात कही थी।

सीबीआई के विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने कहा कि अस्थाना और सीबीआई के डीएसपी देवेन्द्र कुमार के खिलाफ कार्रवाई आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं है जिन्हें 2018 में गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत मिल गई थी। अदालत ने ‘‘बिचौलिये'' मनोज प्रसाद को समन किया जिसे चार्जशीट में आरोपी बताया गया था। इसके अलावा अदालत ने प्रसाद के भाई सोमेश्वर श्रीवास्तव और ससुर सुनील मित्तल को भी यह कहते हुए समन किया कि उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त सामग्री है। जांच के दौरान श्रीवास्तव और मित्तल के नाम सामने आए थे।

अदालत ने प्रसाद, श्रीवास्तव और मित्तल को 13 अप्रैल को पेश होने के निर्देश दिए। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मनोज प्रसाद, सोमेश्वर श्रीवास्तव और सुनील मित्तल के खिलाफ कार्रवाई के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। मैं उन्हें 13 अप्रैल के लिए समन कर रहा हूं। राकेश अस्थाना और देवेन्द्र कुमार को समन नहीं किया जा रहा है क्योंकि उनके खिलाफ पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं।'' अदालत ने यह भी कहा कि सीबीआई अगर जांच में अस्थाना के खिलाफ कुछ पाती है तो वह आरोपपत्र दायर कर सकती है।

अदालत ने IPC की धारा 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 420 (ठगी) और 385 (फिरौती) तथा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराओं के तहत दायर चार्जशीट का संज्ञान लिया। मामले में एजेंसी के पूर्व जांचकर्ता ए के बस्सी ने अदालत को बताया था कि मामले में अस्थाना के खिलाफ ‘‘मजबूत साक्ष्य'' हैं। 11 फरवरी को दायर आरोपपत्र में केवल प्रसाद को आरोपी बताया गया था।

निलंबित डीएसपी देवेन्द्र कुमार 2017 के मामले में जांच अधिकारी थे जिसमें मांस व्यापारी मोईन कुरैशी संलिप्त थे। हैदराबाद के व्यवसायी सतीश सना को मोइन कुरैशी धनशोधन मामले से कथित तौर पर जुड़े होने के कारण गिरफ्तार किया गया था और उसने दावा किया कि उसके जुड़ाव सीबीआई और रॉ के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हैं। सना की शिकायत पर कथित रिश्वत का वर्तमान मामला दर्ज किया गया था।

 

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