Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Aug, 2019 09:44 AM
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाए पाकिस्तान को चीन का साथ मिल गया है। चीन ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग की है। बीजिंग के करीबी सहयोगी पाकिस्तान ने इस बारे में अगस्त महीने में सुरक्षा परिषद
संयुक्त राष्ट्रः जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने से बौखलाए पाकिस्तान को चीन का साथ मिल गया है। चीन ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग की है। बीजिंग के करीबी सहयोगी पाकिस्तान ने इस बारे में अगस्त महीने में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पोलैंड को पत्र लिखा था। चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे (क्लोज डोर) में बैठक बुलाने की मांग की है। चीन ने इस संबंध में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष जोआना रेकोनाका को खत लिखा था। चीन की मांग पर सुरक्षा परिषद बंद दरवाजे में बैठक करने जा रहा है।
यह बैठक न्यूयॉर्क स्थित सुरक्षा परिषद के मुख्यालय में भारत के स्थानीय समयानुसार शुक्रवार शाम 7:30 बजे (न्यूयॉर्क में सुबह 10 बजे) होगी। इससे पहले पाकिस्तान ने अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन ओपन डोर बैठक बुलाने की मांग की थी, जिसको अनसुना कर दिया गया था। वहीं पाकिस्तान को मुस्लिम राष्ट्रों समेत पूरी दुनिया ने अनुच्छेद 370 के मुद्दे पर भाव नहीं दिया। चीन ने भी इस पर पहले कोई टिप्पणी नहीं की लेकिन चीन ने अब चाल चलते हुए भारत के खिलाफ पाकिस्तान का साथ दिया है। बता दें कि स तरह की क्लोज डोर बैठक 1965 में हुई थी। उस समय कश्मीर मुद्दे को लेकर यह गोपीनीय बैठक की गई थी।
क्या होता है क्लोज डोर बैठक
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रोविजनल रूल्स ऑफ प्रोसीजर के नियम 55 में बंद दरवाजे में प्राइवेट मीटिंग का प्रावधान किया गया है। यह बैठक पूरी तरह से गोपनीय होती है और इसमें सिर्फ सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य ही शामिल होते हैं। वहीं इस बैठक में वह देश भी हिस्सा नहीं ले सकते जिनसे संबंधित मुद्दा होता है। इतना ही नहीं बंद दरवाजे के पीछे होने वाली इस बैठक में
सुरक्षा परिषद के सदस्यों द्वारा दिए जाने वाले बयानों का कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा जाता, न ही कोई वीडियो रिकॉर्डिंग होती है। बैठक में होने वाली पूरी चर्चा सार्वजनिक नहीं की जाती और यह पता नहीं चल पाता कि बैठक में जिस मुद्दे पर चर्चा हुई उस पर किस देश ने किसके पक्ष में या खिलाफ क्या बयान दिया? इस बैठक को लेकर होने वाली चर्चा की जानकारी भी प्रेस रिलीज जारी करके नहीं दी जाती। सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे में होने वाली बैठक की पूरी जानकारी सिर्फ सदस्य देशों को ही होती है।
बैठक में हिस्सा नहीं लेगा भारत
भारत सुरक्षा परिषद का न तो स्थायी सदस्य है और न ही अस्थायी। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद दरवाजे में होने वाली बैठक की पूरी जानकारी भारत को भी नहीं होगी और चीन इसका भरपूर फायदा उठाएगा। चीन पाकिस्तान की कश्मीर मुद्दे पर पूरी वकालत करने की कोशिश करेगा। हालांकि सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों मेें से कोई एक भी विरोध करता है, तो वो प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में पास नहीं होता है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी और 10 अस्थायी सदस्य होते हैं। चीन, फ्रांस, रूस, यूनाइटेड किंगडम और अमेरिका स्थायी सदस्य हैं, जिनके पास वीटो पावर है। इसके अलावा बेल्जियम, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरू, पोलैंड, साउथ अफ्रीका, इक्वेटोरियल गिनी, आइवरी कोस्ट और डोमिनिकन गणराज्य 10 अस्थायी सदस्य हैं।
गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बीजिंग दौरे के दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई द्विपक्षीय मुलाकात में स्पष्ट किया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने का फैसला भारत का आंतरिक मामला है। उन्होंने कहा था कि यह बदलाव बेहतर प्रशासन और क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए है एवं फैसले का असर भारत की सीमाओं और चीन के साथ लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नहीं पड़ेगा। फिर भी चीन इस मामले में दखल दे रहा है। इससे पहले अमेरिका भी कह चुका है कि आर्टिकल 370 हटाना भारत का आतंरिक मामला है।