मुंबई: शिवसेना की कार्यकारिणी बैठक में 6 प्रस्ताव पास, उद्धव ठाकरे को मिला सभी फैसले लेने का अधिकार

Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Jun, 2022 03:58 PM

cm uddhav thackeray reaches executive meeting

शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को “पार्टी से विश्वासघात करने वालों” के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया, लेकिन बागी नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई...

नेशनल डेस्क: शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को “पार्टी से विश्वासघात करने वालों” के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया, लेकिन बागी नेता एकनाथ शिंदे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने से परहेज किया। पार्टी की कार्यकारिणी ने यहां हुई बैठक में एक प्रस्ताव भी पारित किया जिसके मुताबिक कोई अन्य राजनीतिक संगठन शिवसेना और इसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का उपयोग नहीं कर सकता है। यह कदम ऐसे समय आया है जब गुवाहाटी में डेरा डाले शिंदे गुट ने कहा कि उसने अपना नाम ‘शिवसेना (बालासाहेब)' रखा है।

कुल छह प्रस्ताव पारित किए गए
पार्टी सांसद संजय राउत ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “कार्यकारिणी ने फैसला किया कि शिवसेना बाल ठाकरे की है तथा हिंदुत्व और मराठी गौरव की उनकी उग्र विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। शिवसेना इस रास्ते से कभी नहीं हटेगी।” राउत ने संवाददाताओं से कहा, “उसने (कार्यकारिणी ने) एक प्रस्ताव पारित किया, जिसमें शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को पार्टी के साथ विश्वासघात करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का पूरा अधिकार दिया गया।” राउत ने कहा कि बैठक में कुल छह प्रस्ताव पारित किए गए, जिनमें से एक कोविड-19 महामारी के दौरान कुशलतापूर्वक महाराष्ट्र का नेतृत्व करने और पिछले ढाई वर्षों में किए गए विकास कार्यों के लिए, मुख्यमंत्री को बधाई देने वाला प्रस्ताव भी था।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने बागी विधायकों की निंदा की और कहा कि पार्टी उद्धव ठाकरे के साथ है। राउत ने बैठक में ठाकरे के हवाले से कहा कि विद्रोहियों को वोट मांगने के लिए बाल ठाकरे के नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। एक प्रस्ताव में कहा गया, “बालासाहेब (ठाकरे) और शिवसेना एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और शिवसेना को छोड़कर कोई भी उनके नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकता।” कार्यकारिणी ने यह भी संकल्प लिया कि पार्टी आने वाले सभी स्थानीय निकाय चुनाव लड़ेगी और जीतेगी। गौर करने वाली बात यह है कि शिवसेना के दिग्गज और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य अनंत गीते व रामदास कदम बैठक में मौजूद नहीं थे। अपने विद्रोह से शिवसेना के लिए अस्तित्व का संकट खड़ा करने वाले एकनाथ शिंदे कार्यकारिणी के एक अन्य सदस्य थे, जो बैठक में अनुपस्थित थे। भाषा

 

 

 

 

 

 

 

 

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