Edited By Monika Jamwal,Updated: 29 Jan, 2021 09:49 PM
श्रीनगर में पारा दो डिग्री और नीचे लुढक गया जबकि घाटी के अधिकतर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे रहने के कारण कश्मीर में शुक्रवार को शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया।
श्रीनगर: श्रीनगर में पारा दो डिग्री और नीचे लुढक गया जबकि घाटी के अधिकतर क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री सेल्सियस नीचे रहने के कारण कश्मीर में शुक्रवार को शीतलहर का प्रकोप और बढ़ गया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उनके अनुसार श्रीनगर में पारा शून्य से 7.7 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। एक दिन पहले न्यूनतम तापमान शून्य से 5.6 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया था। यानी इसमें दो डिग्री सेल्सियस की गिरावट आई है। अधिकारियों के अनुसार उत्तरी कश्मीर में बारामूला के गुलमर्ग स्कीइंग स्थल पर न्यूनतम तापमान शून्य से 11.3 डिग्री नीचे रहा जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य से 13.4 डिग्री नीचे से अधिक है।
दक्षिण कश्मीर में पहलगाम पर्यटन स्थल पर पारा शून्य के 12 डिग्री नीचे तक चला गया जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य से 12.3 डिग्री नीचे से थोड़ा अधिक है। कुपवाडा में न्यूनतम तापमान शून्य से तीन डिग्री और कोकरनाग में शून्य से 11.4 डिग्री नीचे दर्ज किया गया। पारे में गिरावट से जलाशयों में तथा घाटी के कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति लाइनों में पानी बर्फ बन गया है । अगले कुछ दिनों तक न्यूनतम तापमान के जमांक के नीचे रहने की ही संभावना है क्योंकि मौसम विज्ञानियों ने दो फरवरी को घाटी में पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना व्यक्त की है।
कश्मीर फिलहाल च्चिल्ला-कलांज् के गिरफ्त में है यानी यह 40 दिन का ऐसा दौर होता है जब पूरे क्षेत्र में शीतलहर चलती है और तापमान काफी गिर जाता है। प्रसिद्ध डल झील समेत जलाशयों में पानी बर्फ बन जाता है । इस दौरान ज्यादातर क्षेत्रों खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में खूब बर्फबारी होती है। कश्मीर में चिल्ला-कलां 21 दिसंबर को शुरू होता है और उसका समापन 31 जनवरी को होता है। उसके बाद भी घाटी में शीतलहर जारी रहती है क्योंकि फिर 20 दिन के च्चिल्ला-खुर्दज् और दस दिन के 'चिल्ला-बच्चा' का दौर आता है।