Edited By Seema Sharma,Updated: 11 May, 2021 10:49 AM
केरल की वयोवृद्ध नेता एवं 1957 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ई. एम. एस. नंबूदरीपाद के नेतृत्व वाली पहली कम्युनिस्ट सरकार की सदस्य रहीं के.आर.गौरी अम्मा का मंगलवार को निधन हो गया। वह 102 साल की थीं। वह उम्र संबंधी बीमारियों के कारण एक निजी अस्पताल में...
नेशनल डेस्क: केरल की वयोवृद्ध नेता एवं 1957 में तत्कालीन मुख्यमंत्री ई. एम. एस. नंबूदरीपाद के नेतृत्व वाली पहली कम्युनिस्ट सरकार की सदस्य रहीं के.आर.गौरी अम्मा का मंगलवार को निधन हो गया। वह 102 साल की थीं। वह उम्र संबंधी बीमारियों के कारण एक निजी अस्पताल में भर्ती थीं। अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि गौरी अम्मा ने मंगलवार को सुबह 7 बजे अंतिम सांस ली। केरल की सबसे शक्तिशाली महिला नेताओं में से एक मानी जाने वाली गौरी अम्मा पहली केरल विधानसभा की एकमात्र जीवित सदस्य थीं।
1994 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) से निष्कासित किए जाने के बाद गौरी अम्मा ने अपने दल जनाधिपत्य संरक्षण समिति (JSS) का गठन किया, जो राज्य में कांग्रेस नीत यूडीएफ का घटक बना। उनका विवाह टी वी थॉमस से हुआ था, जो उनके कैबिनेट सहयोगी भी रहे थे। थॉमस का 1977 में निधन हो गया था। नंबूदरीपाद मंत्रालय में राजस्व मंत्री रहीं गौरी अम्मा को क्रांतिकारी कृषि संबंध विधेयक लाने में अहम भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है, जिसके तहत किसी परिवार के पास जमीन की सीमा तय की गई है। इसी के कारण अतिरिक्त जमीन पर अपना दावा पेश करने का भूमिरहित किसानों के लिए मार्ग प्रशस्त हो सका।
1964 में कम्युनिस्ट पार्टी में विभाजन के बाद, गौरी अम्मा माकपा में शामिल हुईं, जबकि उनके पति भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) में रहे। गौरी अम्मा का जन्म तटीय अलप्पुझा के पट्टनक्कड़ गांव में 14 जुलाई, 1919 को के ए रमनन और पार्वती अम्मा के घर हुआ था। युवावस्था से ही उनकी राजनीति में रुचि थी। वह 1948 में कम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुईं और इसी साल जेल गईं। बेबाक होकर अपने विचार रखने वाली गौरी अम्मा 1952 और 1954 में त्रावणकोर-कोच्चि विधानसभा सीट से चुनी गई थीं।