Edited By shukdev,Updated: 05 Jan, 2019 08:06 PM
मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले प्राइवेट नौकरी पेशा लोगों को आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में सुधार किया है। इन सुधारों से प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों को काफी लाभ मिलेगा। सरकार ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और कंपनी बंद करने की मंजूरी...
नई दिल्ली: मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले प्राइवेट नौकरी पेशा लोगों को आकर्षित करने के लिए श्रम कानूनों में सुधार किया है। इन सुधारों से प्राइवेट नौकरी करने वाले लोगों को काफी लाभ मिलेगा। सरकार ने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने और कंपनी बंद करने की मंजूरी देने वाले कुछ नियमों में भी बदलाव किया है। इस बदलाव के चलते कर्मचारियों को अब नौकरी से हटाए जाने का डर नहीं सताएगा।
सूत्रों के अनुसार, जिस प्राइवेट कंपनी में 100 से ज्यादा कर्मचारी होंगे उस कंपनी को कुछ भी करने से पहले सरकार की मंजूरी लेना अनिवार्य होगा। इसके साथ ही 100 से ज्यादा कर्मचारियों वाली प्राइवेट कंपनी को बंद करना आसान नहीं होगा। कंपनियों को कर्मचारियों को निकालने से पहले सरकार की मंजूरी लेना जरूरी होगा।
केंद्र सरकार ने श्रमकानून में से इस विवादास्पद कानून को हटाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही सरकार ने क्लॉज में भी कुछ बदलाव किए हैं। सरकार ने कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन के तहत नया बदलाव किया है। सरकार ने ड्राफ्ट बिल में कर्मचारियों की संख्या 100 से 300 कर दी थी।
कंपनियों को लेनी होगी सरकार की मंजूरी
- 100 से ज्यादा कर्मचारी वाली कंपनी को बंद करना नहीं होगा आसान
- कर्मचारियों को हटाने के लिए भी सरकारी मंजूरी लेना अनिवार्य होगा
- श्रमकानून से विवादास्पद क्लॉज को हटाने का सरकार ने किया फैसला
- Closure, Layoff-Retrenchment क्लॉज में किया गया था बदलाव
- कोड ऑन इंडस्ट्रियल रिलेशन के तहत किया गया था नया बदलाव
- ड्राफ्ट बिल में कर्मचारियों की संख्या 100 से 300 कर दिया गया था
- इससे 300 से कम कर्मचारी वाली कंपनी मनमानी कर सकती थी
- ट्रेड यूनियन के दवाब में सरकार ने कड़े सुधारों से वापस लिया कदम
- संशोधित ड्राफ्ट बिल सरकार ने कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेजा
- दो से तीन हफ्तों के भीतर सरकार नए कोड को दे सकती है मंजूरी