Edited By Harman Kaur,Updated: 20 Aug, 2024 06:27 PM
महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने एक अहम निर्णय लेते हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कर्मी के परिवार को 1.09 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। बता दें कि 2019 में तेज गति से चल रही एक बस...
नेशनल डेस्क: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के मोटर दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण (एमएसीटी) ने एक अहम निर्णय लेते हुए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के एक कर्मी के परिवार को 1.09 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया है। बता दें कि 2019 में तेज गति से चल रही एक बस से कुचलकर सीआरपीएफ कर्मी की मौत हो गई थी।
न्यायाधिकरण की अध्यक्षता एस. बी. अग्रवाल ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी को याचिका की तारीख से लेकर 73 लाख रुपए की राशि की वसूली तक 7.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ मुआवजा देना होगा। यह आदेश 12 अगस्त को पारित किया गया और इसकी प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।
मृतक धनजीभाई शानाभाई सोलंकी की पत्नी और उनके दो नाबालिग बच्चों ने यह याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने बस के मालिक और बीमाकर्ता से मुआवजा मांगा था। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता एस. बी. घाटगे ने दलील दी कि सीआरपीएफ के चालक सोलंकी (37) की 18 जून 2019 को सायन-पनवेल राजमार्ग पर तेज गति से जा रही लग्जरी बस ने कुचल दिया था।
न्यायाधिकरण ने माना कि बीमाकर्ता पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार है। हालांकि, न्यायाधिकरण ने यह भी कहा कि बीमा कंपनी को वाहन मालिक से राशि वसूलने का अधिकार है, लेकिन पहले उसे याचिकाकर्ताओं को मुआवजा देना होगा। कुल मुआवजा राशि 1.09 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है।