Edited By ,Updated: 20 Jul, 2016 07:50 PM
माना जा रहा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी की कन्वेन्शन में उसकी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर भारी पड़ सकती
माना जा रहा है कि डेमोक्रेटिक पार्टी की कन्वेन्शन में उसकी उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन अपने प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप पर भारी पड़ सकती हैं। कुछ समय पहले एनबीसी न्यूज और वाल स्ट्रीट जनरल की ओर से करवाए गए सर्वे के मुताबिक हिलेरी को 46 और ट्रंप को 41 प्रतिशत लोगों ने पसंद किया था। अब 25 जुलाई से नेशनल डेमोक्रेट्स की होने वाली फिलडेल्फिया कन्वेन्शन पर सबकी निगाहें हैं।
सवाल उठ सकते हैं
यह सर्वे तब करवाया गया था जब एक महीना पहले जब एफबीआई के निदेशक ने क्लिंटन को ई मेल कांड के सिलसिले में पूछताछ के लिए बुलाया था। तब यह कहा गया था कि क्लिंटन ने कोई अपराध नहीं किया। यह सर्वे उससे भी पहले करवाया गया था जब ट्रंप ने इंडियाना के गर्वनर माइक पेंस को उप राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार चुना था। इस कन्वेन्शन में डेमोक्रेट्स ट्रंप पर हमला कर सकते हैं कि उन्होंने उप राष्ट्रपति पद के लिए माइक पेंस का चुनाव कैसे कर लिया ? दूसरा 84 प्रतिशत अफ्रीकन—अमरीकन वोटरों में हिलेरी की अच्छी पकड़ है। इस समय 50 प्रतिशत श्वेत वोटरों का साथ ट्रंप को जरूर मिल रहा है।
जॉनसन और जिल पिछड़े
यदि आजाद उम्मीदवार गैरी जॉनसन की बात करें तो उन्हें 11 प्रतिशत और ग्रीन पार्टी की जिल स्टेइन को 6 प्रतिशत वोटर पसंद करते हैं। इस सर्वे में मदद करने वाले डेमोक्रेटिक पार्टी के पीटर हार्ट कहते हैं कि बहुत कुछ बदलने वाला हे। दूसरी ओर इस सर्वे में मदद करने वाले रिपब्ल्किन बिल मक्इनटर्फ के मुताबिक बहुत ज्यादा कुछ नहीं बदला है। वे मानते हैं कि कई चीजें अभी स्थिर हैं।
अलोकप्रिय उम्मीदवार
डोनाल्ड ट्रंप को रिपब्ल्किन पार्टी ने नवंबर में होने वाले आम चुनाव के लिए राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार जरूर घोषित कर दिया है, लेकिन शुरुआत में उनके पक्ष में 27 फीसदी वोट सकारात्मक और 60 फीयदी नकारात्मक जा रहे थे। इसे एनबीसी न्यूज और वाल स्ट्रीट जनरल द्वारा राष्ट्रपति चुनाव के लिए किए गए सर्वे के इतिहास में अलोकप्रिय संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था। यदि क्लिंटन की बात करें तो उनके पक्ष में 34 और 56 फीसदी अंक आए थे। एक खास बात और देखने को मिली की रिपब्ल्किन पार्टी के 38 प्रतिशत वोटर ट्रंप के नामांकन पर संतुष्ट थे जबकि 54 प्रतिशत वोटरों की पसंद हिलेरी बनी हुई हैं।
फिलडेल्फिया कन्वेन्शन
माना जा रहा है कि ई मेल कांड हिलेरी के लिए फिलडेल्फिया कन्वेन्शन विवाद का कारण बन सकता है। कई वोटरों का मानना है कि हिलेरी एक अच्छा राष्ट्रपति बनने के लिए हिलेरी के पास सही समझ नहीं है। जबकि दूसरी ओर उनके समर्थन में खड़े होने वाले वोटर कहते हैं कि वह अच्छा राष्ट्रपति बनने की सही समझ रखती हैं। हिलेरी का चरित्र और दनकी ईमानदारी का सवाल उनकी सफलता में बाधा माना जा सकता है। एक महत्वपूर्ण बात और है जो हिलेरी की कमजोरी बन सकती है। वह है लोगों में बदलाव की चाहत। 56 प्रतिश्त वोटरों को कहना है कि राष्ट्रपति उम्मीदवार सरकार में अहम परिवर्तन ला सकता है जबकि 41 प्रतिशत इसे कुछ बदनाव नाने में सक्षम मानते है।
देखना होगा कि फिलडेल्फिया कन्वेन्शन में हिलेरी कितने प्रतिनिधियों के वोट पाती हैं और राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार कनने के लिए कितनी सफल हो पाती हैं।