Edited By Seema Sharma,Updated: 26 Jul, 2022 11:44 AM
नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने औचक निरीक्षण के दौरान विमानों के प्रस्थान से पहले अपर्याप्त और अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मियों द्वारा उन्हें प्रमाणित करने की बात सामने आने के मद्देनजर विमानन कंपनियों का दो महीने की अवधि का विशेष लेखा परीक्षण (ऑडिट)...
नेशनल डेस्क: नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने औचक निरीक्षण के दौरान विमानों के प्रस्थान से पहले अपर्याप्त और अयोग्य इंजीनियरिंग कर्मियों द्वारा उन्हें प्रमाणित करने की बात सामने आने के मद्देनजर विमानन कंपनियों का दो महीने की अवधि का विशेष लेखा परीक्षण (ऑडिट) शुरू किया है। भारतीय विमानन कंपनियों के विमानों में पिछले 45 दिन में तकनीकी गड़बड़ी की कई घटनाएं हुई हैं।
इसी के मद्देनजर डीजीसीए ने पिछले महीने औचक निरीक्षण किया था। इसी बीच एक बड़ी बात सामने आई है कि पिछले तीन महीनों के दौरान एयर इंडिया (Air India) की सर्विस जुड़ी शिकायतों की काफी भरमार है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, टाटा समूह (Tata Group) के स्वामित्व वाली एयर इंडिया के खिलाफ पिछले तीन महीने में लगभग 1,000 शिकायतें मिली हैं। ये शिकायतें किराया रिफंड (Fare Refund), उड़ानों की ओवरबुकिंग और कर्मचारियों के व्यवहार जैसे मुद्दों से संबंधित हैं।
एयर इंडिया पर लग चुका है जुर्माना
DGCA ने इसी साल मई और जून में विभिन्न हवाई अड्डों पर शेड्यूल घरेलू एयरलाइनों का ऑडिट किया था। इस तरह के ऑडिट के दौरान एयर इंडिया को इस संबंध में नियमों का पालन नहीं करते पाया गया। इसके बाद निर्धारित प्रावधानों के अनुसार एयर इंडिया पर जुर्माना लगाया गया। पिछले महीने DGCA ने पाया कि एयर इंडिया ने वैलिड टिकट होने के बाद भी एक पैसेंजर को बोर्डिंग से मना कर दिया, इतना ही नहीं बल्कि कंपनी ने पैसेंजर को हर्जाना भी नहीं दिया।
अधिकारियों ने एक बयान में कहा था कि डीजीसीए ने बेंगलुरू, हैदराबाद और दिल्ली में सर्विलांस के दौरान लगातार जांच की. इसमें पाया गया कि एयर इंडिया ने कई मामलों में नियमों का पालन नहीं किया, इस वजह से उसपर जुर्माना लगाया गया। बता दें कि पिछले साल 8 अक्तूबर को एयरलाइन के लिए बोली जीतने के बाद टाटा समूह ने 27 जनवरी को एयर इंडिया का नियंत्रण अपने हाथ में लिया था।