Edited By Yaspal,Updated: 02 Jul, 2019 06:08 PM
नोएडा के मंदिरों से निकलने वाले फूलों के कचरे का पुनर्चक्रण कर आर्गेनिक रंगों, अगरबत्तियों एवं खाद में बदला जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक बेसहारा महिलाओं और दिव्यांगों के साथ काम करने वाले गैर सरकारी संगठन
नोएडाः नोएडा के मंदिरों से निकलने वाले फूलों के कचरे का पुनर्चक्रण कर आर्गेनिक रंगों, अगरबत्तियों एवं खाद में बदला जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक बेसहारा महिलाओं और दिव्यांगों के साथ काम करने वाले गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) ये काम कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि नोएडा अधिकरण ने ‘जीरो वेस्ट परियोजना' के तहत कुछ एनजीओ के साथ साझेदारी की है जो जलाशयों में इन कचरों के फेंके जाने पर लगाम लगाने के लिए हर दिन सैकड़ों किलोग्राम इस्तेमाल किए गए फूलों का पुनर्चक्रण करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अधिकरण का बागवानी विभाग शहर के इस्कॉन मंदिर समेत करीब एक दर्जन मंदिरों से रोजाना इस्तेमाल किए गए फूलों को इस काम में लगे एनजीओ तक पहुंचाया जाता है।
नोएडा अधिकरण के चेयरमेन सह मुख्य कार्यकारी अधिकारी आलोक टंडन ने बताया कि सेक्टर 61 का साई मंदिर, सेक्टर 33 का इस्कॉन मंदिर, सेक्टर 26 का काली बाड़ी मंदिर, सेक्टर 26 का दुर्गा माता मंदिर, सेक्टर 20 का हनुमान मंदिर, सेक्टर 19 का सनातन धर्म मंदिर, घेजा गांव का शनि मंदिर इस पहल में शामिल हो रहा है। उन्होंने कहा, “प्राचीन समय में, फूलों को नदियों में बहाया जाता था क्योंकि यह पुरानी परंपरा मानी जाती है।
संभवत हो भी, लेकिन कई दशक पहले, जब नदियां उन्मुक्त बहती थीं और हवा साफ एवं स्वच्छ थी। अब हमारी नदियां, तालाब, जलाशय बुरी तरह प्रदूषित हैं और फूलों का कचरा उसमें डालना केवल जल प्रदूषण को बढ़ाएगा ही।” टंडन ने बताया कि अधिकरण ने फूलों के कचरे को नये रूप में ढालने के लिए एनजीओ ‘द सोसाइटी फॉर चाइल्ड डेवलपमेंट' और ‘नारी निकेतन' के साथ साझेदारी की है।