Edited By Seema Sharma,Updated: 24 Oct, 2021 02:06 PM
कृत्रिम गर्भाधान की IVF तकनीक से देश में पहली बार भैंस का गर्भाधान किया गया और एक बछड़े ने जन्म लिया है। यह भैंस बन्नी नस्ल की है। इसके साथ ही भारत में OPU-IVF तकनीक अगले स्तर पर पहुंच गई। पहला IVF बछड़ा बन्नी नस्ल की भैंस के छह बार IVF गर्भाधान के...
नेशनल डेस्क: कृत्रिम गर्भाधान की IVF तकनीक से देश में पहली बार भैंस का गर्भाधान किया गया और एक बछड़े ने जन्म लिया है। यह भैंस बन्नी नस्ल की है। इसके साथ ही भारत में OPU-IVF तकनीक अगले स्तर पर पहुंच गई। पहला IVF बछड़ा बन्नी नस्ल की भैंस के छह बार IVF गर्भाधान के बाद पैदा हुआ। यह प्रक्रिया गुजरात के किसान विनय एल. वाला के घर जाकर पूरी की गई। यह फार्म गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज गांव में स्थित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब 15 दिसंबर, 2020 को गुजरात के कच्छ इलाके का दौरा किया था, तब उस समय उन्होंने बन्नी भैंस की नस्ल के बारे में चर्चा की थी। उसके अगले ही दिन बन्नी भैंसों के अंडाणु निकालने (OPU) और उन्हें विकसित करके भैंस के गर्भशय में स्थापित करने (In Vitro Fertilization-IVF) की प्रक्रिया शुरू करने कि योजना बनाई गई।
वैज्ञानिकों ने विनय एल. वाला के गुजरात के सोमनाथ जिले के धनेज स्थित सुशीला एग्रो फार्म्स की बन्नी नस्ल की तीन भैंसों को गर्भाधान के लिए तैयार किया। वैज्ञानिकों ने भैंस के अंडाशय से डिम्ब निकालने के उपकरण (Intravaginal Culture Device-IVC) द्वारा 20 अंडाणु निकाले। तीनों में से एक भैंस के कुल 20 अंडाणुओं को IVC प्रक्रिया से निकाला गया। वास्तव में एक डोनर से निकाले जाने वाले 20 अंडाणुओं में से 11 भ्रूण बन गए। नौ भ्रूणों को स्थापित किया गया, जिनसे तीन IVF गर्भाधान वजूद में आए। दूसरे डोनर से पांच अंडाणु निकाले गए, जिनसे पांच भ्रूण (शत प्रतिशत) तैयार हुए। पांच में से चार भ्रूणों को स्थापित करने के लिए चुना गया और इस प्रक्रिया से दो गर्भाधान हुए।
तीसरे डोनर से चार अंडाणु निकाले गए, दो भ्रूणों को विकसित किया गया और उन्हें स्थापित करके एक गर्भाधान हुआ। कुल मिलाकर 29 अंडाणुओं से 18 भ्रूण विकसित हुए। इसकी बीएल दर 62 प्रतिशत रही। पंद्रह भ्रूणों को स्थापित किया गया और उनसे छह गर्भाधान हुये। गर्भाधन दर 40 प्रतिशत रही। इन छह गर्भाधानों में से पहला IVF बछड़ा पैदा हुआ। यह देश का पहला बन्नी बछड़ा है, जो कृत्रिम गर्भाधान की IVF तकनीक से पैदा हुआ है। सरकार और वैज्ञानिक समुदाय को भैंसों की IVF प्रक्रिया में अपार संभावना नजर आ रही है।