Edited By Yaspal,Updated: 27 Jun, 2019 07:26 PM
20 अगस्त 2013 को पुणे में हुई डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के एक आरोपी शरद कलस्कर ने इकबालिया बयान में कबूल किया है कि उसने जंगल में पहले एयरगन चलाने की ट्रेनिंग ली और उसके बाद रेकी करके दाभोलकर की हत्या कर दी। शरद कलस्कर डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की
मुंबईः 20 अगस्त 2013 को पुणे में हुई डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के एक आरोपी शरद कलस्कर ने इकबालिया बयान में कबूल किया है कि उसने जंगल में पहले एयरगन चलाने की ट्रेनिंग ली और उसके बाद रेकी करके दाभोलकर की हत्या कर दी। शरद कलस्कर डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या करने वाले 2 शूटरों में से एक है। शरद को सीबीआई ने दूसरे शूटर सचिन अंदुरे के साथ डॉ. नरेंद्र दाभोलकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। शरद ने 12 अक्तूबर 2018 को शिमोंग जिले के पुलिस अधीक्षक अभिनव खरे के सामने इकबालिया बयान दिया था। शरद कलस्कर औरंगाबाद के एक किसान परिवार से है।
समाचार चैनल एनडीटीवी के मुताबिक, उसने पुलिस को बताया कि उसने दाभोलकर को दो गोलियां मारी थीं, एक उनके सिर और दूसरे उनकी आंख में। उसने कबूल किया है कि उसे कुछ दक्षिणापंथी ग्रुप के सदस्यों ने संपर्क किया और हिंदू धर्म पर प्रवचन देने, गौहत्या, मुस्लिम कट्टरता और लव जिहाद पर वीडियो दिखाए गए। इसके अलावा उसे बंदूक चलाने और बम बनाने की ट्रेनिंग दी गई। इसके साथ ही उसे बताया गया था कि उसे मर्डर करना होगा। उससे कहा गया था, “ जो लोग धर्म के विरुद्ध रहत हैं, उनको स्वंय भगवान खत्म करेंगे। हमें कुछ दुष्ट लोगों का विनाश भगवान के लिए करना जरूरी है। उसने बताया कि उससे यह बाद वीरेंद्र तावड़े ने कही थी, जो कि मुख्य साजिशकर्ता है।
दाभोलकर की हत्या के बाद शरद कलस्कर को बम बनाने की ट्रेनिंग कर्नाटक के बेलगाम में दी गई। अगस्त 2016 में बेलगाम में मीटिंग हुई थी, उसमें सबसे हिंदू-विरोधी काम करने वालों के नाम मांगे गए थे। उसी बैठक में पत्रकार गौरी लंकेस का नाम भी चर्चा में आया और फिर सबसे पहले गौरी लंकेश की हत्या करने का फैसला लिया गया। इसके बाद अगस्त 2017 में एक और बैठक बुलाई गई, बैठक के पहले दिन गौरी लंकेश की हत्या के लिए अलग-अलग लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई।