Edited By Anil dev,Updated: 13 Jun, 2018 12:57 PM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने एनपीए को लेकर आज नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या सरकार चुनावों से पहले रिजर्व बैंक के एक परिपत्र को कमजोर करके कई बड़े डिफाल्टर को ऋणशोधन की कार्यवाही से बचाना चाहती है। पटेल ने ट्वीट कर...
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने एनपीए को लेकर आज नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या सरकार चुनावों से पहले रिजर्व बैंक के एक परिपत्र को कमजोर करके कई बड़े डिफाल्टर को ऋणशोधन की कार्यवाही से बचाना चाहती है। पटेल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘यह सच है कि सरकार चुनाव से पहले आरबीआई के फरवरी, 2018 के परिपत्र को कमजोर करने और बड़े डिफाल्ट को ऋणशोधन की प्रक्रिया से बचाना चाहती है?’’
उन्होंने आगे पूछा, ‘‘क्या सरकार सभी एनपीए को सरकार द्वारा नियंत्रित एक बैंक को हस्तांतरित करने के खतरनाक विचार पर फिर से गौर कर रही है?’’ पटेल ने कहा, ‘‘60 वर्ष से ओएनजीसी सभी पीएसयू में सबसे अनमोल थी। क्या यह सच नहीं है कि चार वर्षों में सरकार ने ओएनजीसी के रिजर्व को तकरीबन को खाली कर दिया और यह 13 हजार करोड़ रुपए से घटकर एक हजार करोड़ रुपए से भी कम रह गया है?’’ उधर, पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने कहा, ‘‘एक बड़े अखबार ने खबर दी है कि बैंक जालसाजी में पिछले तीन वर्षों में काफी इजाफा हुआ है। क्या सरकार इसे भी ‘विरासत में मिला’ मुद्दा करार देगी?’’