Edited By ,Updated: 12 Mar, 2017 03:09 PM
मणिपुर में सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जोड़तोड़ की...
इम्फाल: मणिपुर में सरकार के गठन के लिए कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच जोड़तोड़ की राजनीति शुरू हो गया है। 28 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है जबकि 21 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर है। कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए केवल तीन और विधायकों के समर्थन की जरूरत है। पार्टी की ओर से तृणमूल कांग्रेस के एक और एक निर्दलीय विधायक से समर्थन लेने की कोशिश की जा रही है।
कांग्रेस ने हालांकि नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के साथ तालमेल करने से इंकार किया है लेकिन पार्टी की ओर से चार विधायकों वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को पटाने के प्रयास किये जा रहे हैं। यदि कांग्रेस को एनपीपी का समर्थन मिल जाता है तो यह आराम से सरकार बना लेगी। दूसरी ओर भाजपा, एनपीएफ और एनपीपी के साथ-साथ लोक जनशक्ति पार्टी के एकमात्र विधायक से समर्थन लेने का प्रयास कर रही है। तीनों पार्टियां केंद्र में भाजपा का समर्थन करती हैं लेकिन एनपीपी और एलजेपी ने अभी तक किसी निर्णय का एलान नहीं किया है।
कांग्रेस और भाजपा के नेता सरकार बनाने की रणनीति में जुटे हुए हैं। मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह लगातार चौथी बार सत्ता पर काबिज होने के प्रयास में जुटे हुए हैं। दूसरी तरफ केंद्र में सत्ता पर काबिज भाजपा भी राज्य की सत्ता हासिल करने के लिए जोर लगा रही है। हालांकि चार-चार विधायकों के साथ एनपीएफ और एनपीपी का सरकार के गठन में अहम भूमिका होगी क्योंकि सत्ता की कुंजी इन्हीं पार्टियों के पास है।