जम्मू कश्मीर कांग्रेस ने नये भूमि कानूनों का विरोध किया, पीडीपी ने प्रदर्शन किया

Edited By Monika Jamwal,Updated: 28 Oct, 2020 09:27 PM

congress and pdp protest against new land law in jammu kashmir

जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्रशासित प्रदेश की मुख्यधाराओं के दलों के सुर में सुर मिलाते हुए केंद्र द्वारा अधिसूचित नये भूमि कानूनों का बुधवार को विरोध किया।


श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने केंद्रशासित प्रदेश की मुख्यधाराओं के दलों के सुर में सुर मिलाते हुए केंद्र द्वारा अधिसूचित नये भूमि कानूनों का बुधवार को विरोध किया। जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गुलाम अहमद मीर ने बांदीपोरा जिले के गुरेज में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, "कांग्रेस पार्टी नए भूमि कानूनों को खारिज करती है और जनता के अधिकारों के संरक्षण के लिए लड़ने का संकल्प लेती है।"

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मीर ने नए भूमि कानूनों को लोगों के अधिकारों पर हमला करार देते हुए कहा कि पार्टी केंद्र सरकार के 'जम्मू -कश्मीर विरोधी फैसलों' को स्वीकार नहीं करेगी। नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी समेत जम्मू कश्मीर की मुख्यधारा के अनेक राजनीतिक दलों के गठबंधन 'गुपकर घोषणा के लिए पीपल्स अलायंस' ने भी मंगलवार को भूमि संबंधी कानूनों में संशोधन की निंदा की थी और सभी मोर्चों पर इनका मुकाबला करने का संकल्प जताया था।

 

केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 और35ए के निरस्त करने के एक साल बाद कई कानूनों में संशोधन करके जम्मू-कश्मीर से बाहर के लोगों के लिए केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक राजपत्रित अधिसूचना में भूमि कानूनों में विभिन्न बदलावों की जानकारी दी है, जिनमें सार्वजनिक उद्देश्य के प्रतिष्ठान बनाने के लिये कृषि भूमि के इस्तेमाल की मंजूरी देना शामिल है।

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सबसे महत्वपूर्ण बदलाव जम्मू-कश्मीर विकास अधिनियम में किया गया है, जिसकी धारा १७ से 'राज्य के स्थायी निवासी' वाक्यांश को हटाया गया है। इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा था कि केंद्र सरकार के नये कदम से 'जम्मू कश्मीर को बिक्री' के लिए रख दिया गया है। पार्टी उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए अधिसूचित नये भूमि कानूनों की आलोचना की और कहा कि नया जम्मू कश्मीर विकास अधिनियम जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख के लोगों के हितों के प्रतिकूल है।

 

अब्दुल्ला ने कहा कि ये नये कानून जम्मू कश्मीर और लद्दाख की जनता के लिए अस्वीकार्य हैं। गुपकर घोषणा के लिए बने पीपल्स अलायंस (पीएजीडी) के प्रवक्ता सज्जाद लोन ने नये कानूनों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश को 'बड़ा विश्वासघात' करार दिया था। पीएडीजी में नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, माकपा, भाकपा, पीपल्स कॉन्फ्रेंस, अवामी नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपल्स मूवमेंट पार्टियां शामिल हैं। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और नेशनल पैंथर्स पार्टी (एनपीपी) ने जम्मू-कश्मीर के बाहर के लोगों को केंद्र शासित प्रदेश में जमीन खरीदने का मार्ग सुगम बनाने वाले नए भूमि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए बुधवार को अलग-अलग प्रदर्शन किये।  पीडीपी कार्यकर्ताओं ने पार्टी महासचिव एवं पूर्व विधायक सुरिंदर चौधरी के नेतृत्व में तिरंगा और पार्टी का झंडा थाम कर गांधी नगर स्थित पीडीपी मुख्यालय से भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ अपना विरोध जताते हुए रैली निकाली। हालांकि प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने मुख्य सड़क पर मार्च करने से रोक दिया और बाद में वे शांति से तितर-बितर हो गए। 

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इस बीच, जेकेएनपीपी के अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री हर्षदेव सिंह ने भी यहां प्रदर्शनी मैदान के समीप प्रदर्शन का नेतृत्व किया और जम्मू कश्मीर के लिए नये भूमि कानूनों को खारिज किया। इस बीच हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के नरमपंथी धड़े ने नये भूमि कानूनों के खिलाफ ३१ अक्टूबर को बंद रखने का आह्वान किया।
 
 

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