रविदास मंदिर: SC में पूर्व लोकसभा सांसद ने दायर की अवमानना याचिका

Edited By Anil dev,Updated: 20 Feb, 2020 05:49 PM

congress ashok tanwar tughlakabad supreme court

कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर ने तुगलकाबाद मे गुरू रविदास मंदिर के स्थाई ढांच के निर्माण की शीर्ष अदालत की अनुमति का कथित रूप से जानबूझकर अनुपालन नहीं करने के कारण दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये...

नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर ने तुगलकाबाद मे गुरू रविदास मंदिर के स्थाई ढांच के निर्माण की शीर्ष अदालत की अनुमति का कथित रूप से जानबूझकर अनुपालन नहीं करने के कारण दिल्ली विकास प्राधिकरण और दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना कार्यवाही के लिये बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय मे याचिका दायर की। शीर्ष अदालत के आदेश पर पिछले साल नौ अगस्त को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने इस मंदिर को ढहा दिया था। 

न्यायालय ने यह निर्देश देते हुए टिप्पणी की थी कि वन भूमि खाली नहीं करके गुरू रविदास जयंती समारोह ने शीर्ष अदालत के पहले आदेश का गंभीर उल्लंघन किया है। शीर्ष अदालत ने बाद में पिछले साल 25 नवंबर को तुगलकाबाद वन क्षेत्र मे लकड़ी का घेरा बनाने की बजाये मंदिर के लिए स्थाई संरचना के निर्माण की अनुमति दे दी थी। अक्टूबर में न्यायालय ने तुगलकाबाद वन क्षेत्र में मंदिर निर्माण के लिये 400 वर्ग मीटर भूमि देने के केन्द्र के परिवर्तित प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था और सरकार को इसके लिये छह सप्ताह के भीतर समिति गठित करने का निर्देश दिया था।

 तंवर ने अवमानना कार्यवाही के लिये दायर याचिका में दावा किया है कि न्यायालय के 21 अक्टूबर और 25 नवंबर के 2019 के किसी भी निर्देश पर प्राधिकारियों ने अमल नहीं किया है। याचिका में कहा गया है, च्च्गुरू रविदास मंदिर के निर्माण में विलंब से भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में लाखों लोगों की भावनायें आहत हो रही हैं। गुरू रविदास के अनुयायियों को न्याय की उम्मीद थी लेकिन दुर्भाग्य से न्यायालय के आदेश के बावजूद उनके साथ ऐसा नहीं हुआ है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि न्यायालय के आदेश मे जिस समिति का जिक्र किया गया था वह कहीं नजर नहीं आ रही है। 

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