आर्थिक आधार पर आरक्षण को कांग्रेस ने बताया राजनीति से प्रेरित कदम

Edited By Anil dev,Updated: 09 Jan, 2019 06:21 PM

congress bjp anand sharma narendra modi

सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में दस प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बुधवार को हुई चर्चा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसका समर्थन किया।

नई दिल्ली: सामान्य वर्ग के लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में दस प्रतिशत आरक्षण देने संबंधी संविधान संशोधन विधेयक पर राज्यसभा में बुधवार को हुई चर्चा में विभिन्न दलों के सदस्यों ने इसका समर्थन किया। हालांकि मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए इसके लाए जाने के समय पर सवाल किया और आरोप लगाया कि यह राजनीति से प्रेरित कदम है।  सदन में कांग्रेस के उपनेता आनंद शर्मा ने संविधान (124वां) संशोधन विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए सवाल किया कि ऐसी क्या बात हुई कि यह विधेयक अभी लाना पड़ा? उन्होंने कहा कि पिछले दिनों तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में हार के बाद सरकार ने यह कदम उठाया है।


शर्मा ने कहा कि इन विधानसभा चुनावों में हार के बाद संदेश मिला कि वे ठीक काम नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार जब अपने कार्यकाल के आखिरी चरण (डिपार्चर लाउंज) में है, तब उसने यह कदम उठाया है। उन्होंने कहा कि सरकार चार साल सात महीने बाद यह विधेयक लेकर आयी है। यह इस आखिरी सत्र है और उसके बाद चुनाव होने हैं।  उन्होंने कहा कि देश की जनता भोली और सज्जन है तथा वह आशीर्वाद भी देती है लेकिन वह मूर्ख नहीं है। जनता एक बार वादों में भले ही बहक जाए लेकिन उसे हिसाब देने का समय भी आ रहा है।  शर्मा ने आरक्षण के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि 2014 के चुनाव में कई सब्जबाग दिखाए गए और लोगों से बड़े बड़े वायदे किए गए। उन्होंने सरकार पर युवाओं एवं किसानों से वादाखिलाफी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसे पहले अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार हर साल रोजगार के दो करोड़ मौके सृजित करने की बात कर रही थी लेकिन वास्तव में इसका उलटा हुआ।  

शर्मा ने कहा कि सरकार के विभिन्न कदमों से न सिर्फ रोजगार के मौके कम हो गए वहीं अर्थव्यवस्था को भी भारी झटका लगा। उन्होंने कहा कि इस संबंध में व्यापक चर्चा होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि सरकार को महिला आरक्षण विधेयक पारित कराने के बारे में भी विचार करना चाहिए।  भाजपा के प्रभात झा ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पहले ही भाषण में स्पष्ट कर दिया था कि उनकी सरकार गरीबों के लिए काम करेगी। यह विधेयक उसी दिशा में उठाया गया कदम है। उन्होंने कहा कि यह सरकार पिछले साढ़े चार साल से लगातार गरीबों के लिए काम कर रही है।  उन्होंने कहा कि इस विधेयक से समाज का एक बड़ा तबका काफी उल्लास में है। उन्होंने कहा कि जब यह विधेयक आया तो सभी अवाक रह गए। उन्होंने कहा कि यह विधेयक करोड़ों युवाओं से जुड़ा है और करीब 95 प्रतिशत आबादी इस आरक्षण के दायरे में आएगी।  
 

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