आलोक वर्मा की फिर से नियुक्ति हो और तब जांच हो: कांग्रेस

Edited By Anil dev,Updated: 12 Jan, 2019 05:21 PM

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कांग्रेस ने सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक के बयान संबंधी खबरों को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वर्मा को फिर से पद पर नियुक्त...

नई दिल्ली: कांग्रेस ने सीबीआई के पूर्व निदेशक आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए के पटनायक के बयान संबंधी खबरों को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि वर्मा को फिर से पद पर नियुक्त किया जाए और फिर उच्च स्तरीय समिति उनके खिलाफ आरोपों की जांच करे। पार्टी ने यह भी सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार भयभीत नजर आ रही है? कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने संवाददााताओं से कहा, ‘‘कुछ तो ऐसा है कि जिससे प्रधानमंत्री और सरकार भयभीत है। इसका रहस्योद्घाटन होना चाहिए।’’ 

कांग्रेस ने की उच्च स्तरीय समिति की बैठक की मांग
सिंघवी ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति पटनायक का बयान अब सबके सामने है। इससे साबित होता है कि सीवीसी की रिपोर्ट झूठ है। इस झूठी रिपोर्ट के आधार पर आलोक वर्मा को हटा दिया गया।’’  सिंघवी ने कहा, ‘‘हमारी मांग है कि उच्च स्तरीय समिति की बैठक फिर बुलाई जाए। आलोक वर्मा को फिर नियुक्त किया जाए। वर्मा के 77 दिन फिर से वापस लौटाए जाएं। वर्मा पर लगे आरोपों की जांच उच्च स्तरीय समिति करे।’’  उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गंभीर और महत्वपूर्ण मामला है। यह सरकार डरी हुई है। इस सरकार के लोग बातों को घुमाने में माहिर हैं और वे इस मामले में भी लगे हुए हैं।’’  खबरों के मुताबिक न्यायमूर्ति पटनायक ने कहा कि आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के कोई साक्ष्य नहीं हैं। 

वर्मा ने दिया था सरकारी सेवा से इस्तीफा 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति ने गुरूवार को वर्मा को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया था। इसके अगले दिन शुक्रवार को वर्मा ने सरकारी सेवा से इस्तीफा दे दिया। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के 1979 बैच के अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम एवं केंद्र शासित प्रदेश (एजीएमयूटी) कैडर के अधिकारी वर्मा का तबादला कल महानिदेशक दमकल सेवा, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा के पद पर कर दिया गया था। सीबीआई निदेशक के पद पर वर्मा का दो वर्षों का कार्यकाल आगामी 31 जनवरी को पूरा होने वाला था। लेकिन इससे 21 दिन पहले ही प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति ए के सीकरी की समिति ने 2-1 के बहुमत से वर्मा को सीबीआई प्रमुख के पद से हटाने का फैसला किया। मोदी और न्यायमूर्ति सीकरी वर्मा को सीबीआई निदेशक पद से हटाने के पक्ष में थे जबकि खडग़े ने इसका विरोध किया था।     

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