Edited By Seema Sharma,Updated: 16 Oct, 2018 12:49 PM
गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर इन दिनों जहां बीमारी से जूझ रहे हैं वहीं राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस लगातार गोवा में अपना कब्जा करने की जद्दोजहद कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ए. चेल्लाकुमार ने दावा किया है
पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पार्रिकर इन दिनों जहां बीमारी से जूझ रहे हैं वहीं राज्य में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस लगातार गोवा में अपना कब्जा करने की जद्दोजहद कर रही है। कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव ए. चेल्लाकुमार ने दावा किया है कि गोवा की भाजपा सरकार में मंत्री विश्वजीत राणे अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के बाद राज्य में सत्ताधारी गठबंधन को तोड़कर मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस में शामिल होना चाहते थे। चेल्लाकुमार ने दावा किया कि दो महीने पहले तक राणे इस मुद्दे पर उनके संपर्क में थे। हालांकि राणे ने इस दावे को सिरे से खारिज किया है। चेल्लाकुमार का बयान ऐसे समय में आया है जब गोवा में कांग्रेस के दो विधायक - दयानंद सोप्ते और सुभाष शिरोडकर- सोमवार देर रात दिल्ली रवाना हुए। अटकलें लगाई जा रही हैं कि सोप्ते और शिरोडकर भाजपा में शामिल हो सकते हैं। सोप्ते और सुभाष के दिल्ली रवाना होने से कुछ देर पहले राणे भी राजधानी के लिए रवाना हुए थे। उल्लेखनीय है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में राणे वालपोई सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे लेकिन कुछ ही दिनों में उन्होंने विधायक पद और कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और सत्ताधारी भाजपा में शामिल हो गए थे।
राणे मेरे अच्छे दोस्त
चेल्लाकुमार ने कहा कि सत्ताधारी पक्ष के कई लोग मेरे संपर्क में थे। वहीं हमारे अच्छे दोस्त विश्वजीत राणे अक्सर मुझे फोन करते थे और उनमें डर था, उन्होंने दो महीने पहले भी मुझसे बात की थी। चेल्लाकुमार ने दावा किया कि राणे कहते थे कि वह कांग्रेसी हैं और हमेशा कांग्रेसी ही रहेंगे। वह भाजपा को तोड़ देंगे और कांग्रेस में वापस आ जाएंगे।
राणे की सफाई
चेल्लाकुमार के दावों को खारिज करते हुए राणे ने कहा कि कांग्रेस नेता हताश इंसान हैं, क्योंकि वह अपनी पार्टी के लोगों को एकजुट नहीं रख पा रहे। राणे ने कहा कि मेरा चेल्लाकुमार से कोई संपर्क नहीं है। कांग्रेस ने तो सुप्रीम कोर्ट तक में मेरे खिलाफ अयोग्यता का केस कर रखा है। कांग्रेस में जाने की मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है और मैंने कभी उनसे संपर्क नहीं किया। हालांकि, उन्होंने मुझसे संपर्क की कोशिश जरूर की।
बता दें कि गोवा की 40 सदस्यों वाली विधानसभा में पार्रिकर सरकार को 23 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें भाजपा के 14, जीएफपी और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी के तीन-तीन विधायक हैं जबकि तीन विधायक निर्दलीय भी हैं। कांग्रेस गोवा में सबसे बड़ी पार्टी है। उसके 16 विधायक हैं।