Edited By Yaspal,Updated: 18 Jun, 2020 08:13 PM
मणिपुर में भाजपा के तीन विधायकों समेत मंत्रियों के इस्तीफे के बाद बीरेन सिंह सरकार संकट में आ गई है। कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि बहुमत साबित करने के...
इंफालः मणिपुर में भाजपा के तीन विधायकों समेत मंत्रियों के इस्तीफे के बाद बीरेन सिंह सरकार संकट में आ गई है। कांग्रेस पार्टी ने मणिपुर में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है और राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है ताकि बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट करवाया जा सके। बुधवार को सत्तारूढ़ पार्टी के 3 विधायक इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो गए। इसके अलावा नेशनल पीपल्स पार्टी (NPP) के 4, एक एनसीपी और एक निर्दलीय विधायक ने भी सरकार के समर्थन वापस लेने की घोषणा कर दी है।
इस घटनाक्रम के बाद मणिपुर की भारतीय जनता पार्टी सरकार अल्पमत में आ गई है और मौका देखते हुए कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया है। मणिपुर में कांग्रेस विधायक दल के नेता ओकराम इबोबी सिंह ने राज्यपाल से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने की मांग की है ताकी सरकार के खिलाफ अविश्वाश प्रस्ताव लाया जा सके और अपनी सरकार बनाने के लिए बहुतम साबित किया जा सके।
मौजूदा समय में मणिपुर विधानसभा में 49 सदस्य हैं जिनमें भारतीय जनता पार्टी गठबंधन के पास अब 23 विधायक बचे हैं, भाजपा गठबंधन के 23 विधायकों में 18 भाजपा के है, 4 एनपीएफ से और एक विधायक एलजेएसपी का है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के पास खुद के 20 विधायक हैं, कांग्रेस को अब एनपीपी के 4, एक निर्दलीय और एक टीएमसी के विधायक का भी समर्थन प्राप्त है, कांग्रेस का संख्याबल मौजूदा समय में 26 नजर आ रहा है।