Edited By vasudha,Updated: 12 Oct, 2019 12:35 PM
देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही है। इस समस्या से उबरने के लिए पार्टी खर्चों पर लगाम लगा रही है जो कि यात्रा से लेकर मेहमानों को चाय पिलाने तक पर लागू हो रहे हैं...
नेशनल डेस्क: देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस इन दिनों आर्थिक तंगी से जूझ रही है। इस समस्या से उबरने के लिए पार्टी खर्चों पर लगाम लगा रही है जो कि यात्रा से लेकर मेहमानों को चाय पिलाने तक पर लागू हो रहे हैं। पार्टी के सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने फिजूलखर्ची कम करने के लिए नेताओं को कड़ी हिदायत दी है।
खबरों के अनुसार पार्टी ने अकाउंट विभाग ने महासचिवों, राज्य प्रभारियों और अन्य पदाधिकारियों से कहा कि सभी अपने खर्च पर लगाम लगाएं। पदाधिकारियों से कहा गया कि चाय-नाश्ते पर खर्च की सीमा प्रति माह तीन हजार रुपये रखें और यदि खर्च इससे अधिक होता है तो उसका भुगतान संबंधित व्यक्ति को करना होगा।
दरअसल पार्टी नेताओं और अन्य पदाधिकारियों को आल इंडिया कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) की कैंटीन से चाय-नाश्ते दिए जाते हैं, और पदाधिकारी उसके बिल पर हस्ताक्षर करके लौटा देते हैं, और इन सभी बिल का भुगतान अकाउंट विभाग की तरफ से किया जाता है। इसके अलावा पार्टी ने नेताओं को छोटी दूरी की यात्रा फ्लाइट की जगह ट्रेन से करने के लिए कहा है।
बता दें कि कांग्रेस की फंडिंग में बड़ी हिस्सेदारी उद्योगपतियों की है जो कि धीरे-धीरे खत्म हो रही है। भाजपा की तुलना में कांग्रेस के पास इलेक्टोरल बॉन्ड्स से फंड कम आ रहा है। जिसके चलते पार्टी फंड के लिए ऑनलाइन स्रोतों पर ज्यादा निर्भर रह रही है।