रेल मंत्री पीयूष गोयल से कांग्रेस ने मांगा इस्तीफा

Edited By Yaspal,Updated: 03 Jun, 2020 06:34 PM

congress demands resignation from railway minister piyush goyal

कांग्रेस ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने में रेल मंत्रालय ने गैरजिम्मेदार रुख अपनाते हुए लापरवाही बरती है और श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर झूठ बोला जा रहा है इसलिए रेल मंत्री पीयूष गोयल इस्तीफा दें या उन्हें हटाया जाना...

नई दिल्लीः कांग्रेस ने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों को उनके घर पहुंचाने में रेल मंत्रालय ने गैरजिम्मेदार रुख अपनाते हुए लापरवाही बरती है और श्रमिकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर झूठ बोला जा रहा है इसलिए रेल मंत्री पीयूष गोयल इस्तीफा दें या उन्हें हटाया जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार बार बार कह रही है कि श्रमिकों को निशुल्क घर पहुंचाया गया है जबकि गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि इन श्रमिकों को उनके घर तक 85 प्रतिशत सब्सिडी देकर पहुंचाया गया है। इसी तरह की सब्सिडी देने का दावा टीवी चैनलों पर केंद्र सरकार के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता कर रहे हैं।

उन्होंने इसे प्रवासी श्रमिकों के साथ क्रूर मजाक बताया और कहा कि सरकार हर मुद्दे पर झूठ बोल रही है और रेल मंत्री की अव्यवस्था सबके सामने हैं इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्हें तुरंत हटाना चाहिए या उनको खुद अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि 81 लोगों की मौत इन यात्राओं के दौरान हुई है और इसका खुलासा मुजफ्फरपुर के प्लेटफार्म पर दम तोड़ने वाली महिला के परिजनों के बयानों से होता है जिन्होंने कहा है कि महिला की मृत्यु बीमारी से नहीं बल्कि यात्रा में आयी समस्याओं के कारण हुई है।

सिंघवी ने कहा कि रेलवे में अव्यवस्था का आलम यह है कि सरकार इस संबंध में गलत आंकडें पेश कर रही है। इस दौरान 3740 श्रमिक ट्रेंने सरकार ने मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए चलायी लेकिन 40 प्रतिशत रेले आठ घंटे देर से अपने गंतव्य तक पहुंची और 421 दस घंटे देरी से पहुंची। इसके अलावा 10 प्रतिशत रेलगाड़यिां 12 घंटे देर से और 78 एक दिन से ज्यादा और 43 डेढ़ दिन से ज्यादा देर से पहुंची। यह सत्य सरकार ने छुपाया और अव्यवस्था के तहत रेलों को चलाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि प्रवासी श्रमिकों से कुछ नहीं लिया गया जबकि प्रमाण बताते हैं कि उनसे अतिरिक्त पैसा वसूला जा रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि श्रमिकों से कुछ पैसा नहीं लिया जाए और सरकार दावा कर रही है कि उनको पानी की बोतलें और भोजन मुफ्त में दिया जा रहा है। केंद्र सरकार के मिथ्या प्रचार की पोल खुल चुकी है इसलिए इन विकृत तथ्यों को देखते हुए रेल मंत्री को हटाया जाना चाहिए या उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

 

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