राजस्थान, MP और छत्तीसगढ़ पर कांग्रेस की निगाहें, हाथी-हाथ का गठबंधन होगा ‘गेमचेंजर’

Edited By Seema Sharma,Updated: 22 May, 2018 01:33 PM

congress eyes over rajasthan mp and chhattisgarh

कर्नाटक में सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस ने अब गठबंधन की राजनीति की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। उम्मीद है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस क्षेत्रीय दल बसपा के साथ गठबंधन करेंगे। ताकि भाजपा को इन राज्यों में सत्ता तक पहुंचने से रोका जा...

नई दिल्ली: कर्नाटक में सियासी उठापटक के बाद कांग्रेस ने अब गठबंधन की राजनीति की ओर कदम बढ़ा दिए हैं। उम्मीद है कि राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस क्षेत्रीय दल बसपा के साथ गठबंधन करेंगे। ताकि भाजपा को इन राज्यों में सत्ता तक पहुंचने से रोका जा सके। कांग्रेस के गठबंधन सियासत को यदि इस बार ‘हाथी’ (बसपा) का साथ मिल गया तो साल के अंत में होने वाले तीन राज्यों के चुनाव में कमल ‘बेदम’ होता दिखाई पड़ सकताहै। ऐसा कमाल तीनों राज्यों में दोनों पार्टियों के आपस में मिलने के बाद वोट शेयरिंग को लेकर बनने वाले आकड़ों के चलते नजर आ रहा है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ तीनों ही राज्यों में भाजपा की  सरकार है।
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ये राज्य बीजेपी के वोट शेयर के हिसाब से महत्वपूर्ण राज्य के रूप में पार्टी की ओर से देखा जाता है। इसका परिणाम भी पार्टी को चुनाव में मिलता रहा  है। लेकिन इन राज्यों में 2003 के बाद से प्रमुख दल कांग्रस-भाजपा के साथ ही बसपा के वोट शेयर को देखें तो हालात भाजपा के लिए चौंकाने वाले नजर आ रहे हैं। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में 2003 के बाद से अब तक की स्थिति को देखें तो कांग्रेस और बसपा के आपस में जुड़ने से वोट शेयरिंग चौंकाने वाला परिणाम दे रहा है।  बात राजस्थान की करें तो यहां वर्ष 2003 में भाजपा का वोट शेयर 39.20 फीसदी रहा है, वहीं कांग्रेस-बसपा को जोड़कर देखें तो इनका वोट शेयर 39.62 फीसदी रहता है।  2008 में कांग्रेस और बसपा के वोट शेयर 44.42 फीसदी तथा भाजपा के 34.27 फीसदी रहा है। 
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2013 में भाजपा का वोट शेयर 45.17 फीसदी व कांग्रेस-बसपा के 36.44 फीसदी रहा है। मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 में  भाजपा का वोट शेयर 42.5 फीसदी तो कांग्रेस-बसपा के 38.87 फीसदी था।  2008 में भाजपा का वोट शेयर 37.64 फीसदी तो कांग्रेस-बसपा को जोड़कर देखें तो 41.36 फीसदी रहा है। 2013 में भाजपा का वोट 44.88 फीसदी रहा, वहीं कांग्रेस-बसपा का 42.67 फीसदी रहा है। इसी तरह  छत्तीसगढ़ में वोट शेयर के मामले में कांग्रेस और बसपा को जोड़कर देखें तो 2003 से 2013 के बीच में दोनों दल हमेशा आगे ही रहे हैं। 2003 में दोनों दलों का वोट शेयर 41.16 फीसदी तथा भाजपा का 39.26 फीसदी था। 2008 में कांग्रेस-बसपा वोट शेयर 44.74 फीसदी तो भाजपा का 40.33  फीसदी रहा। 2013 में दोनों दलों का वोट शेयर 44.56 तथा भाजपा का वोट शेयर 41.04 फीसदी रहा है।

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