लूटो और भगाओ- ये है मोदी मॉडल! ABG शिपयार्ड के 22842 हजार करोड़ के फ्रॉड पर भड़की कांग्रेस

Edited By rajesh kumar,Updated: 13 Feb, 2022 03:54 PM

congress furious over fraud of 22842 thousand crores of abg shipyard

देश के बैंकिंग सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। गुजरात की जहाज निर्माण कंपनी ABG शिपयार्ड ने एक दो नहीं बल्कि 28 बैंकों को 22 हजार 842 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। इसे बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। वहीं, इस...

नेशनल डेस्क: देश के बैंकिंग सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा घोटाला सामने आया है। गुजरात की जहाज निर्माण कंपनी ABG शिपयार्ड ने एक दो नहीं बल्कि 28 बैंकों को 22 हजार 842 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। इसे बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला बताया जा रहा है। वहीं, इस घोटाले की खबर सामने आने के बाद कांग्रेस पार्टी ने सीधे तौर पर पीएम नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया है। कांग्रेस ने कहा कि बैंकों का पैसा लूटो और भगाओ, ये मोदी सरकार का मॉडल है।

मोदी मॉडल- लूटो और भगाओ: सुरजेवाला
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट करते हुए लिखा कि बैंक धोखाधड़ी करने वालों के लिए "लूट एंड एस्केप" मोदी सरकार की 'प्रमुख योजना' है। मोदी मॉडल- लूटो और भगाओ! तीन तथ्य देश के सामने हैं। मोदी सरकार के 7 साल में ₹5,35,0000 करोड़ के बैंक फ्रॉड हुए। ₹8,17,000 करोड़ देश की जनता के बैंकों ने बट्टे खाते में डुबाये। ₹21,00,000 करोड़ बैंकों के NPA में इजाफा हुआ। लूटो भगाओ बैंक लूटवाओ। मोदी सरकार की निगरानी में हुई 75 साल में भारत की सबसे बड़ी बैंक धोखाधड़ी है। 

इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
सीबीआई ने देश के सबसे बड़े बैंक धोखाधड़ी मामले में एबीजी शिपयार्ड लिमिटेड और उसके तत्कालीन अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ऋषि कमलेश अग्रवाल सहित अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीबीआई एजेंसी ने अग्रवाल के अलावा एफआईआर में तत्कालीन कार्यकारी निदेशक शंथनम मुथुस्वामी, निदेशक अश्विनी कुमार, सुशील कुमार अग्रवाल और रवि विमल नेवतिया और एक अन्य कंपनी एबीजी इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड के नाम भी शामिल किये हैं। इन पर लोगों के खिलाफ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और आधिकारिक दुरुपयोग जैसे अपराधों के लिए मुकदमा दर्ज किया।

पहली शिकायत आठ नवंबर 2019 को हुई दर्ज
बैंकों के संघ ने सबसे पहले आठ नवंबर 2019 को शिकायत दर्ज कराई थी, जिस पर सीबीआई ने 12 मार्च 2020 को कुछ स्पष्टीकरण मांगा था। बैंकों के संघ ने उस साल अगस्त में एक नई शिकायत दर्ज की और डेढ़ साल से अधिक समय तक जांच करने के बाद सीबीआई ने इस पर कार्रवाई की। अधिकारी ने कहा कि कंपनी को एसबीआई के साथ ही 28 बैंकों और वित्तीय संस्थानों ने 2468.51 करोड़ रुपये के ऋण को मंजूरी दी थी। उन्होंने कहा कि फॉरेंसिक ऑडिट से पता चला है कि वर्ष 2012-17 के बीच आरोपियों ने कथित रूप से मिलीभगत की और अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें धन का दुरुपयोग और आपराधिक विश्वासघात शामिल है। यह सीबीआई द्वारा दर्ज सबसे बड़ा बैंक धोखाधड़ी का मामला है।

जानें किस बैंक का कितना है बकाया
स्टेट बैंक आफ इंडिया (SBI Bank)- 2,468.51 करोड़ रुपये
आईसीआईसीआई (ICICI Bank)- 7,089 करोड़ रुपये
आईडीबीआई (IDBI Bank)- 3,634 करोड़ रुपये
बैंक ऑफ बड़ौदा (Bank Of Baroda)- 1,614 करोड़ रुपये
पीएनबी (Pnb Bank)- 1244 करोड़ रुपये
आईओबी (IOB Bank)- 1,228 करोड़ रुपये

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