न्यायमूर्ति जोसेफ मुद्दे पर सिब्बल ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

Edited By Anil dev,Updated: 26 Apr, 2018 05:34 PM

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कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसफ को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं करने पर सरकार की तीखी आलोचना की है और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर न्यायपालिका की...

नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के एम जोसफ को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं करने पर सरकार की तीखी आलोचना की है और आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर न्यायपालिका की स्वतंत्रता का हनन किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार के इस फैसले को उसकी मनमानी करार देते हुए कहा है कि वह उन्हीं लोगों को न्यायपालिका में न्यायाधीश बनाना चाहती है जो उसके खास लोग हैं और उसके हितों के अनुकूल है।  

सिब्बल ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कानून कहता है कि उन्हीं न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया जाना चाहिए जिनके नाम की सिफारिश चयन मंडल यानी कॉलेजियम ने की है। कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति जोसेफ के नाम की सिफारिश की थी और न्यायमूर्ति जोसेफ के बारे में जो टिप्पणी की थी उसे उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर इस साल 10 जनवरी को पोस्ट किया गया जिसमें न्यायमूर्ति जोसेफ को सबसे बेहतर जज बताया गया और उनकी जमकर तारीफ की गई, लेकिन सरकार ने उन्हें उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त नहीं किया। उल्टे उनका नाम कॉलेजियम को पुनर्विचार के लिए वापस भेज दिया गया है। 

सिब्बल ने कहा कि जनहित में उसे न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को तेज करना चाहिए। उच्चतम न्यायालय में सिर्फ 24 न्यायाधीश हैं, जिनमें से छह इसी साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं। उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों के 410 पद रिक्त हैं। लोगों के मामलों पर जल्दी सुनवाई हो, इसलिए इन पदों पर नियुक्ति होनी चाहिए। 

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