Edited By Yaspal,Updated: 12 Aug, 2019 07:36 PM
कांग्रेस ने केंद्र की भारतीय जनता पाटर्ी (भाजपा) सरकार को दलित तथा आदिवासी विरोधी करार देते हुए कहा है कि उसने सबके लिए सस्ती शिक्षा के रास्ते बंद करने के साथ ही इन वर्गों के छात्रों पर अत्याचार किया है और उनका परीक्षा...
नई दिल्लीः कांग्रेस ने केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार को दलित तथा आदिवासी विरोधी करार देते हुए कहा है कि उसने सबके लिए सस्ती शिक्षा के रास्ते बंद करने के साथ ही इन वर्गों के छात्रों पर अत्याचार किया है और उनका परीक्षा शुल्क 24 गुना बढ़ा दिया है।
भाजपा ने दलितों के साथ किया सौतेला व्यवहार
कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सोमवार को यहां जारी एक बयान में कहा पिछले छह साल में भाजपा सरकार ने सबसे ज़्यादा सौतेला व्यवहार दलितों तथा आदिवासियों के साथ किया है और इस वर्ग की सभी स्तर पर अनदेखी की गयी है। इस बार उसने इस वर्ग के छात्रों को निशाना बनाया है और उनके लिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोडर् (सीबीएसई) की परीक्षा का शुल्क असामान्य तरीके से बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि सीबीएसई ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के छात्रों के लिए 10वीं और 12वीं बोडर् परीक्षा शुल्क 50 रुपए से 24 गुना बढ़ाकर 1200 रुपए कर दिया है।
इसी प्रकार सामान्य वर्ग के छात्रों की फ़ीस भी सौ फीसदी बढ़ाकर 1500 रुपए की गयी है। प्रवक्ता ने केंद्र सरकार पर दलितों तथा आदिवासियों को संस्थागत तरीक़े से भी कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि यह सरकार दलितों के साथ भेद-भाव कर रही है और उन पर इसके अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति के छात्रों के वजीफे में भारी कटौती करते हुए इस वर्ग के छात्रों को 10वीं कक्षा के बाद दी जाने वाली छात्रवृत्ति में 2019-20 के बजट में 3000 करोड़ रुपए की कटौती की गयी है। इस वर्ग के विद्यार्थियों की पीएचडी छात्रवृत्ति की राशि में 400 करोड़ रुपए की कटौती की गयी है।