Edited By Punjab Kesari,Updated: 16 Oct, 2017 10:37 PM
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि माल एवं वस्तु कर (जीएसटी) विभिन्न राज्य सरकारों का सामूहिक निर्णय था जिसमें केंद्र की छोटी भूमिका थी और कांग्रेस इसमें ‘‘बराबर की भागीदार’’ थी।
गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि माल एवं वस्तु कर (जीएसटी) विभिन्न राज्य सरकारों का सामूहिक निर्णय था जिसमें केंद्र की छोटी भूमिका थी और कांग्रेस इसमें ‘‘बराबर की भागीदार’’ थी।
मोदी ने कहा, ‘‘जीएसटी निर्णय में कांग्रेस बराबर की भागीदार है और इसे जीएसटी के बारे में झूठ नहीं फैलाना चाहिए। निर्णय संसद या नरेन्द्र मोदी ने नहीं लिया। निर्णय में पंजाब, कर्नाटक और मेघालय की कांग्रेस सरकारों सहित सभी राजनीतिक दल शामिल थे।’’ उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार निर्णय में ‘‘केवल 30वें हिस्से’’ के बराबर थी जिसे 29 राज्यों के साथ विचार-विमर्श कर लिया गया था। मोदी ने गुजरात के भाट गांव में एक बड़ी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘निर्णय में आप बराबर के भागीदार हैं।’’
उन्होंने कहा कि जीएसटी शुरू होने के बाद वह व्यवसायियों के संपर्क में हैं और दावा किया कि वे व्यवस्था को पसंद कर रहे हैं क्योंकि इससे वे लाल फीताशाही से मुक्त हो गए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि वादे के मुताबिक उनकी सरकार ने तीन महीने के बाद नए अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था की समीक्षा की जिसके बाद उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कई बदलाव किए गए।
मोदी ने व्यवसायियों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि देश के व्यापारियों को इस व्यवस्था की जरूरत है लेकिन उन्होंने इसे सरल करने की मांग की। इसे जीएसटी (परिषद्) के समक्ष रखा गया और सामूहिक रूप से चर्चा की।’’
मोदी ने बीते समय में लेखा-जोखा के लिए व्यापारियों को दंडित करने संबंधी चिंताओं को भी दूर करने का प्रयास किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर ‘‘डर का माहौल’’ बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि व्यापारियों को नई व्यवस्था से तालमेल करने के लिए अपने पुराने लेखा-जोखा को ठीक करने की जरूरत नहीं है।