Edited By Seema Sharma,Updated: 24 May, 2019 01:46 PM
भाजपा की जबरदस्त जीत के आगे देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस बार कहीं टिक नहीं पाई है और वह 52 सीटों पर सिमट कर रह गई है। कांग्रेस की करारी पराजय से साफ है कि जनता ने उसकी ‘न्याय’ योजना को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
नई दिल्ली: भाजपा की जबरदस्त जीत के आगे देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इस बार कहीं टिक नहीं पाई है और वह 52 सीटों पर सिमट कर रह गई है। कांग्रेस की करारी पराजय से साफ है कि जनता ने उसकी ‘न्याय’ योजना को पूरी तरह खारिज कर दिया है। आजादी के बाद पहली बार पूर्ण बहुमत से किसी गैर-कांग्रेसी सरकार की वापसी हुई है। मोदी की लोकप्रियता और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के संगठन कौशल की मदद से भाजपा ने पहली बार लोकसभा में 300 के आंकड़े को पार किया है। जहां एन.डी.ए. को 349 सीटें मिली हैं, वहीं यू.पी.ए. को 93 सीटें मिलीं और अन्य को 100 सीटें मिलीं। भाजपा ने 2014 की तरह ही इस बार भी पश्चिम और उत्तर भारत में एकतरफा जीत दर्ज की।
क्यों हुई राजग की प्रचंड जीत
- पीएम नरेंद्र मोदी की मजबूत नेता की छवि
- मोदी की जनकल्याणकारी योजनाएं त्र् बालाकोट एयरस्ट्राइक व राष्ट्रवाद का मुद्दा
- बेहतरीन चुनावी प्रबंधन व समर्पित कार्यकर्त्ताओं की फौज
- भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की कुशल रणनीति
- मोदी की छवि से प्रभावित हो सभी धर्म-जाति के लोगों का मोदी के पक्ष में वोट करना
यू.पी.ए. की हार के प्रमुख कारण
- घोषणा पत्र में सैनिकों की संख्या में कटौती व देशद्रोह की धारा हटाने का ऐलान
- आवश्यकता से ज्यादा मोदी की आलोचना व उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल
- विपक्ष के पास मोदी और शाह जैसे करिश्माई नेताओं का न होना
- जमीनी स्तर पर सांगठनिक ढांचे का कमजोर होना
- राहुल जनता को मोदी की तुलना में बेहतर शासन का ब्ल्यू प्रिंट नहीं दे सके