Edited By Anil dev,Updated: 01 Dec, 2018 10:46 AM
एक तरफ जहां कांग्रेस मनमोहन को संसद में लाने के लिए बेकरार है, वहीं एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर भी अचानक राजनीति एरीना में वापसी करते दिख रहे हैं। अब उन्होंने लोगों से मिलना, वक्तव्य जारी करना और मोदी पर हमला बोलना भी शुरू कर दिया है।
नई दिल्ली: एक तरफ जहां कांग्रेस मनमोहन सिंह को संसद में लाने के लिए बेकरार है, वहीं एक्सिडेंटल प्राइम मिनिस्टर भी अचानक राजनीति एरीना में वापसी करते दिख रहे हैं। अब उन्होंने लोगों से मिलना, वक्तव्य जारी करना और मोदी पर हमला बोलना भी शुरू कर दिया है। वह हर दिन एक किताब लॉन्च कर रहे हैं।
राजनीतिक गलियारों में एकाएक उनका ग्राफ ऊपर उठ गया है और कई नेता अब उन्हें पहले से ज्यादा सम्मान देते दिख रहे हैं। कई नेताओं में अगले साल प्रधानमंत्री बनने की मची होड़ के बीच मनमोहन ने अपने राजनीतिक करियर में बड़े जबरदस्त तरीके से वापसी की है। 2014 में लोकसभा चुनावों में हार के बाद मनमोहन राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गए थे, लेकिन अब अचानक कई राजनीतिक पंडितों को फिर लगने लगा है कि जिस तरह से मनमोहन ने देश चलाया था, वह सही था।
हालांकि वह 2जी, कोल घोटाला व सी.डब्ल्यू.जी. जैसे घोटालों को नहीं रोक सके थे। इस दौरान उनकी पार्टी ने उनका साथ नहीं दिया और उनके अपने ही नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक विनोद राय ने उनकी सरकार को नीचा दिखाया, लेकिन अब तुलना इससे होगी कि सी.बी.आई. में क्या हो रहा है। पी.एम. द्वारा नियुक्त किए अधिकारी एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।