देश में कांग्रेस की जरूरत, चीन के लिए नेहरू दोषी नहीं...जम्मू में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह

Edited By Yaspal,Updated: 24 Jul, 2022 05:58 PM

congress needed in the country nehru is not guilty for china rajnath said

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में कारगिल दिवस के मौके पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 1962 में चीन की कार्रवाई का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि बहुत सारे लोग...

नेशनल डेस्कः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में कारगिल दिवस के मौके पर भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि 1962 में चीन की कार्रवाई का जिक्र करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि बहुत सारे लोग जवाहर लाल नेहरू की आलोचना करते हैं। मैं भी एक विशेष राजनैतिक दल से आता हूं, मैं भारत के किसी भी प्रधानमंत्री के आलोचना नहीं करना चाहता। साथ ही मैं किसी भी प्रधानमंत्री की नीयत पर सवालिया निशान नहीं लगाना चाहता। उन्होंने कहा कि नीयत में किसी की खोट नहीं हो सकता है। सिंह ने कहा कि आज भारत रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। रक्षा मंत्री ने कहा कि आज भारत बोलता है तो दुनिया सुनती है।

संविधान के अनुच्छेद 370 को एक गैरज़रूरी कानूनी बाधा की संज्ञा देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि इसके हटने से जम्मू कश्मीर के लोगों और विशेषकर युवाओं के लिए उम्मीद और आशा की एक नयी सुबह ने आंखे खोली हैं। इस फैसले से लोगो के कल्याण के कई रास्ते खुल गये हैं और केंद्र शासित प्रदेश में अब और तेजी से विकास हो रहा है।

सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार राष्ट्रहितों को सुरक्षित करना चाहती है और इसी क्रम में आत्मनिर्भर रक्षातंत्र विकसित किये जाने को लेकर सरकार ने एक के बाद एक कई कदम उठाये हैं। इसके कारण देश में ही उच्चक्षमता के हथियारों के विकास को बढ़ावा मिला है जिनकी मदद से हमारी सेना किसी भी प्रकार का युद्ध लड़ सकती है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि हमारी प्राथमिकता रक्षा के क्षेत्र में भी आत्मनिर्भरता हासिल करना है क्योंकि देश की सुरक्षा के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र विकसित करना जरूरी है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए रक्षा बजट को 68 प्रतिशत कर दिया गया है। कारगिल युद्ध को संयुक्तता का एक प्रमुख उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि इसमें तीनों सेनाओं एवं सरकार ने बेहतर सहयोग किया गया। कारगिल युद्ध ने ही मिलकर काम करने और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की जरूरत को रेखांकित किया। संयुक्त सैन्य कमांड का बनाया जाना और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सुधार करना इसी दिशा में उठाये गये कदम हैं।   

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