Edited By vasudha,Updated: 06 May, 2018 04:04 PM
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पिछले 14 साल से अधिक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिये कांग्रेस नरम हिन्दुत्व (सॉफ्ट हिन्दुत्व) का राग आलापते दिख रही है...
नेशनल डेस्क: मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में पिछले 14 साल से अधिक सत्ता में रही भारतीय जनता पार्टी को सत्ता से बेदखल करने के लिये कांग्रेस नरम हिन्दुत्व (सॉफ्ट हिन्दुत्व) का राग आलापते दिख रही है। मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने बताया कि चुनाव प्रचार अभियान समिति के चेयरमेन ज्योतिरादित्य सिंधिया 11 मई से उज्जैन जिले के प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूजा अर्चना करने के बाद चुनाव प्रचार की शुरूआत करेंगे। उन्होंने कहा कि सिंधिया धार्मिक व्यक्ति हैं।
प्रदेश में 14 साल से अधिक समय तक सत्ता में रही भाजपा को सत्ता से उखाडऩे के लिये देवी देवताओं का आर्शीवाद लेने हेतु वह प्रदेश के कई मंदिरों में जाने वाले हैं। हाल ही में नियुक्त प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पहले ही स्पष्ट संदेश दे दिया है कि वह नरम हिन्दुत्व के रास्ते पर आगे बढऩे वाले हैं। छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से नौ दफा सांसद रहे नाथ ने प्रदेश अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन भोपाल में प्रसिद्ध गुफा मंदिर, उसके बाद उसी दिन उज्जैन जिले में महाकाल मंदिर और फिर शाम को दतिया जिले में सिद्ध देवी मंदिर पीताम्बरा पीठ में पूजा अर्चना की।
कांग्रेस नेता के अनुसार पार्टी गुजरात मॉडल की तर्ज पर ही मध्यप्रदेश में चुनाव प्रचार करेगी। पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के भी प्रदेश में चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत प्रसिद्ध महाकाल मंदिर या पीताम्बरा पीठ के देवी मंदिर से करने की उम्मीद है। वह प्रदेश में प्रचार के दौरान प्रसिद्ध मंदिरों में भी जाएंगे। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के एक और मुख्य क्षत्रप दिग्विजय सिंह पहले ही 3,300 किलोमीटर की लम्बी नर्मदा परिक्रमा पैदल पूरी कर चुके हैं। नर्मदा के दोनों किनारों पर लगभग छह माह चली उनकी यह यात्रा पिछले माह ही समाप्त हुयी है। यात्रा के समापन पर नरसिंहपुर जिले के बरमान घाट पर एक विशाल भंडारा किया गया।
प्रदेश भाजपा के महामंत्री वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस नेताओं का मंदिरों में जाना, विशेषकर दिग्वियज जी की नर्मदा यात्रा मात्र एक पाखंड है। हर कोई यह जानता है कि दिग्विजय जी मुस्लिम समर्थक हैं और अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण में विश्वास रखते हैं। प्रदेश के लोग जानते हैं कि केवल वोट हासिल करने के लिये कांग्रेस के नेता अचानक धार्मिक हो गये हैं और मंदिरों में माथा टेक रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके मंदिरों में जाने की युक्ति केवल आगामी चुनावों में बहुसंख्यकों के वोट हासिल करने के लिये है।