Edited By Anil dev,Updated: 20 Aug, 2020 04:33 PM
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ‘पीएम केयर्स'' कोष को किसी भी तरह की छानबीन से बचाना चाहती है। पूर्व वित्त मंत्री ने यह कोष बनाए जाने को लेकर भी कई सवाल खड़े किए।
नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बृहस्पतिवार को आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार ‘पीएम केयर्स' कोष को किसी भी तरह की छानबीन से बचाना चाहती है। पूर्व वित्त मंत्री ने यह कोष बनाए जाने को लेकर भी कई सवाल खड़े किए। कांग्रेस नेता ने ट्वीट किया, ‘‘यह पूरी तरह स्पष्ट है कि भाजपा सरकार पीएम-केयर्स कोष को किसी भी तरह की छानबीन से बचाने का जानबूझकर प्रयास कर रही है। चिदंबरम ने बुधवार को कहा था कि ‘पीएम केयर्स' कोष से जुड़ा उच्चतम न्यायालय का फैसला इसके वैधानिक पहलू को लेकर था और शीर्ष अदालत को इस कोष से जुड़ी पारदर्शिता एवं प्रबंधन जैसे पहलुओं पर निर्णय देने का अवसर नहीं मिला।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने केंद्र को कोविड-19 से लड़ने के लिए पीएम केयर्स फंड में मिली दान की राशि को राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष में स्थानांतरित करने का निर्देश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति एम आर शाह की तीन सदस्यीय पीठ ने एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनाये गये अपने फैसले में कहा कि राष्ट्रीय आपदा मोचन कोष में स्वेच्छा से योगदान किया जा सकता है क्योंकि आपदा प्रबंधन कानून के तहत ऐसा कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है।
गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशंस ने इस जनहित याचिका में न्यायालय से अनुरोध किया था कि कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए पीएम केयर्स कोष में जमा राशि एनडीआरएफ में स्थानांतरित करने का निर्देश केन्द्र को दिया जाये। केंद्र ने कोविड-19 महामारी जैसी आपात स्थिति से निबटने और प्रभावित लोगों को राहत उपलब्ध कराने के इरादे से 28 मार्च को प्रधानमंत्री नागरिक सहायता एवं राहत कोष की स्थापना की थी। प्रधानमंत्री इस पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष हैं और रक्षामंत्री, गृहमंत्री और वित्तमंत्री पदेन न्यासी हैं।