Exclusive interview: कांग्रेस अध्यक्ष बोले, 2014 के नतीजों से मैंने बहुत कुछ सीखा है

Edited By Aaku Srivastava,Updated: 16 May, 2019 11:20 AM

congress president said i have learned a lot from the results of 2014

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों काफी बदले-बदले से नजर आते हैं। प्रैक्टिकल बातों के अलावा वह अब दार्शनिक बातें भी करते हैं। राजनीति उन्हें रास आने लगी है और संघर्ष को जीवन का उन्होंने हिस्सा मान लिया है।

नई दिल्लीः कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों काफी बदले-बदले से नजर आते हैं। प्रैक्टिकल बातों के अलावा वह अब दार्शनिक बातें भी करते हैं। राजनीति उन्हें रास आने लगी है और संघर्ष को जीवन का उन्होंने हिस्सा मान लिया है। जो प्रारब्ध है, उसे स्वीकार कर लिया है। उनको यकीन है कि जनता ने जो सोच लिया है, वह करेगी। जनता ही मालिक है और मालिक का फैसला अंतिम है इसलिए संघर्ष में लगे रहो। चुनाव प्रचार के दौरान पूरी ऊर्जा से काम करते हैं और प्लानिंग के अलावा हंसी-मजाक का भी कोई मौका हाथ से नहीं जाने देते। पंजाब केसरी/नवोदय टाइम्स/ जगवाणी/हिंद समाचार से उन्होंने खास बातचीत की। पेश है अकु श्रीवास्तव के साथ उनकी पूरी बातचीत :


चुनाव का छठा चरण पूरा हो चुका है, अंतिम चरण शुरू होने वाला है। आपको क्या लगता है कि कांग्रेस और देश के लिए नई सुबह होने जा रही है?

  • अगर आप दर्शनशास्त्र के नजरिए से पूछ रहे हैं तो मैं जीवन को एक चक्र मानता हूं। बुराई में से अच्छाई निकल सकती है और अच्छाई में से बुराई निकल सकती है। 2014 से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला। आप कहेंगे कि वह मेरे लिए एक प्रकार से खराब नतीजा था मगर मैं आज कहता हूं कि उस नतीजे से मैंने बहुत सीखा, तो वह अच्छा नतीजा बन गया। यह आपकी सोच पर निर्भर करता है कि जो आपको मिल रहा है, आप उसको किस प्रकार से लेते हैं। 2014 में नरेंद्र मोदी जी को इतना अच्छा बहुमत मिला, जनता का इतना सहयोग मिला मगर उन्होंने उसका बेहतरीन उपयोग नहीं किया। मैं सभी चीजों में अच्छा ही ढूंढने की कोशिश करता हूं।

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अगर आपको अवसर मिलता है तो आप देश को अच्छा देने के लिए किस प्रकार से कोशिशें करेंगे?

  • मेरी सोच है कि जनता इस देश की मालिक है। अगर देश के लिए काम करना है, तो जनता की आवाज सुनकर काम करना होगा। जनता का मतलब सारे हिस्सेदार। गरीब-अमीर, अलग-अलग राज्यों के, अलग-अलग भाषाओं के। जो हमारे सहयोगी हैं, जो हमारे विरोधी हैं, सभी लोग इस देश का हिस्सा हैं। हमारे लिए दुश्मन कोई नहीं है, हमारे लिए सभी लोग एक हैं और सभी का ख्याल रखना हमारी जिम्मेदारी है। हम चाहते हैं कि सभी की आवाज को सुनकर देश आगे बढ़े, किसी की आवाज को दबाया नहीं जाए।



चुनाव में अभी तक एक-दूसरे पर हमला हो रहा था। क्या चुनाव के बाद नए सिरे से शुरूआत की जाएगी?

  • देखिए, इस समय विचारधारा की लड़ाई है। भाजपा-आर.एस.एस. की विचारधारा और कांग्रेस की विचारधारा में फर्क है। चुनाव में हम मजबूती से लड़े और सभी मान रहे हैं कि 23 मई को फैसला हमारे हक में होगा। हमारे विरोधी हमारे दुश्मन नहीं हैं, हिंदुस्तान के सभी लोग हमारे हैं, विचारधारा में जरूर अंतर है। आर.एस.एस. की विचारधारा को मैं कभी स्वीकार नहीं करूंगा मगर भाजपा मुक्त भारत, आर.एस.एस. मुक्त भारत, मैं नहीं बोलूंगा। उनकी सोच है। हम उनकी सोच को बदलने की कोशिश करेंगे, नफरत से नहीं प्यार से, क्योंकि उनकी सोच ङ्क्षहदुस्तान के भविष्य के लिए हानिकारक है।


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आपने यह बड़ी बात कही कि आप कभी आर.एस.एस. मुक्तया भाजपा मुक्त भारत की बात नहीं करेंगे और खास तौर से तब जब भाजपा कांग्रेस मुक्तभारत की बात करती है?

  • मैंने कहा, मैं नरेंद्र मोदी जी से लड़ता हूं। राजनीतिक लड़ाई है लेकिन मैं नरेंद्र मोदी जी से नफरत नहीं करता। मैं आर.एस.एस. से लड़ता हूं मगर मैं आर.एस.एस. से नफरत नहीं करता। मैं नफरत को नफरत से नहीं काटता। नफरत को नफरत नहीं काट सकती है, नफरत को प्यार से जीता जा सकता है। मैं नरेंद्र मोदी जी से जाकर गले मिला, देश को साफ संदेश दिया। नरेंद्र मोदी जी मुझसे नफरत करते हैं, मेरे परिवार को मिटाना चाहते हैं, लेकिन मेरे दिल में उनके लिए कोई नफरत नहीं है, मैं उनसे प्यार करता हूं। सभी के सामने प्यार से गले मिलता हूं। नरेंद्र मोदी जी ने मेरे पिता के बारे में बोला, मैंने ट्वीट किया - नरेंद्र मोदी जी, आपको ढेर सारा प्यार, यह दिखावा नहीं मेरी असलियत है। मेरा भाषण देख लीजिए, प्यार से बात करता हूं। मैंने अपनी जिंदगी में बहुत हिंसा देखी है, बहुत नफरत देखी है। मैं नफरत को अपने दिल में नहीं रखना चाहता। बाकी लोग रखें लेकिन मैं अपने दिल में नफरत नहीं रखूंगा। मैंने नफरत को दिल से मिटाने का तरीका सीख लिया है। जो भी मेरे बारे में लोग बोलते हैं, मैं सब अपने अंदर सम्माहित कर लेता हूं और वापस प्यार देता हूं। मैं नफरत नहीं दूंगा, प्यार में लोगों का दिल जीतने की शक्तिहोती है। चाहे पूरी दुनिया मेरे ऊपर आक्रमण करे लेकिन मैं वापस प्यार और सम्मान ही दूंगा।


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अगर आप दुनिया की बात कर रहे हैं तो दुनिया में जिस तरह की घटनाएं चल रही हैं, जो चीजें हो रही हैं, आतंकी हमले हो रहे हैं, उनसे कैसे निपटेगा देश?

  • अगर कोई सोचता है कि हिंदुस्तान पर वह आक्रमण कर सकता है, हिंदुस्तान के लोगों को मार सकता है, तो उसे इस देश की वर्षों से संचित शक्ति से करारा जवाब मिलेगा।


खास करके जब चुनाव खत्म होने वाला है, तो प्रधानमंत्री पद को लेकर कैसे चुनाव होगा। अगर एन.डी.ए. को पर्याप्त सीटें नहीं मिलती हैं तो कांग्रेस और आपके गठबंधन के बीच नेता पद का चुनाव कैसे होगा?

  • 23 मई को हिंदुस्तान की जनता, देश के मालिक की आवाज बोलेगी। जो मालिक बोलेगा, उसको हम मानेंगे। उससे पहले मैं पूर्व अनुमान नहीं लगाना चाहता। मैं यह नहीं कहना चाहता कि मालिक यह करेगा, वह करेगा। मालिक सब जानता है।

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आप जिस जनता को मालिक कह रहे हैं, विपक्ष के कई नेता अपने आपको उनका भी मालिक-मालकिन मानते हैं। एक जगह दीदी हैं मालकिन, तो यू.पी. में मायावती अपने आपको ज्यादा बड़ी मालकिन बता रही हैं, खास तौर से आपको तो ये दोनों यही संदेश दे रही हैं?

  • मालिक की कोई मालकिन नहीं है। जनता का कोई मालिक हो ही नहीं सकता। न राहुल गांधी, न नरेंद्र मोदी, न ममता बनर्जी, न कोई और। मालिक, मालिक है! जो मालिक बोलेगा वह मैं स्वीकार कर लूंगा। वह आंकड़ों में दिखाई देगा। आंकड़ों से मालिक की बात समझ आएगी। उससे पहले नहीं समझा जा सकता।

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तो क्या सचमुच कांग्रेस अब अपने अस्तित्व को बचाए रखने में सफल होगी?

  • कांग्रेस हिंदुस्तान के हर व्यक्तिके दिल में है। कांग्रेस पार्टी में प्यार-भाईचारे की भावना और लोगों को साथ जोड़कर काम करने का जज्बा है। यह हम सभी के अंदर है और इसको जगाने में टाइम नहीं लगता। अगर कांग्रेस का संगठन ठीक प्रकार से काम करे तो यह बहुत जल्दी जागती है। कांग्रेस पार्टी नैचुरल डी.एन.ए. है हिंदुस्तान की, क्योंकि हिंदुस्तान प्यार-भाईचारे का देश है। आप आजादी की लड़ाई देखिए, आप मुझे एक और देश दिखा दीजिए जिसने उस समय की सुपरपावर से प्यार और अहिंसा से लड़ाई लड़ी हो। आप मुझे एक उदाहरण दे दीजिए, नहीं मिलेगा। प्यार और भाईचारे का यह देश पूरी दुनिया को रास्ता दिखा सकता है। आज जो हालात हैं दुनिया में, जो चीन और यू.एस. के बीच में तनाव है। हमारा हिंदुस्तान सबको प्यार और अहिंसा से जीने का सही तरीका बता सकता है। प्यार से हम जी सकते हैं। अलग-अलग भाषाएं, अलग-अलग जाति, अलग-अलग सोच के लोग, प्यार से मिलकर एक साथ रह सकते हैं। यह हमारी सोच है, हमारे लोगों की सोच है, हमारे नेताओं की सोच है, इसलिए हमारी पार्टी कांग्रेस तो आगे बढ़ेगी ही बढ़ेगी।

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कांग्रेस मोदी की विफलताओं की वजह से बढ़ रही है या अपनी ताकत की वजह से?

  • कांग्रेस अपनी ताकत के कारण भी बढ़ रही है और नरेंद्र मोदी जी ने भी हमारी मदद की है। कांग्रेस पार्टी को समय के साथ बदलाव करना था। थोड़ा स्पष्ट बोलूं तो 2014 में कांग्रेस पार्टी में अहंकार आ गया था। 10 साल हिंदुस्तान पर शासन किया, जिसकी वजह से अहंकार आया, थोड़ी गलतियां हुईं, परंतु कांग्रेस पार्टी ने इसे स्वीकार किया। बहुत अच्छा हुआ। हम सभी मानते हैं कि 40-45 सीट देकर हिंदुस्तान ने हमें-कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाया। अब सबक सीखना है नरेंद्र मोदी जी को। हिंदुस्तान की जनता उन्हें सबक सिखाने जा रही है। नरेंद्र मोदी जी, भाजपा के सामने चैलेंज है वे सबक सीखेंगे या नहीं मुझे नहीं पता, हमने सीख लिया।

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क्या नोटबंदी और जी.एस.टी. सचमुच इतने बड़े मुद्दे साबित हुए जिससे कांग्रेस की अलग राह निकली?

  • नोटबंदी और जी.एस.टी. ने जो हिंदुस्तान की परचेजिंग कैपेसिटी (आम लोगों की खरीदारी की ताकत) है, उसको बिल्कुल कमजोर कर दिया। ऐसा कहा जाता है कि हिंदुस्तान को चीन ही चैलेंज कर सकता है क्योंकि हिंदुस्तान और चीन के पास परचेजिंग कैपेसिटी है, करोड़ों लोग हैं जिनके पास जेब में पैसा है- इकोनॉमिक स्ट्रैंथ है, नरेंद्र मोदी जी ने आम हिंदुस्तानी की उस ताकत को खत्म कर दिया।
  • नरेंद्र मोदी जी देशभक्तिकी बात करते हैं परंतु उन्होंने सबसे बड़ा नुक्सान हिंदुस्तान की शक्ति, अर्थव्यवस्था की ताकत का किया, जिसे हमने धीरे-धीरे बनाया था, ग्रीन रैवोल्यूशन, व्हाइट रैवोल्यूशन, बैंक नैशनलाइजेशन, लिबरलाइजेशन, कम्प्यूटर रैवोल्यूशन, जिससे ङ्क्षहदुस्तान की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई थी, नरेंद्र मोदी ने दो कुल्हाड़ी उस पर मार दीं और वह भी बिना किसी से पूछे, सलाह लिए।
  • अरे भाई आपके पास दुनिया का सबसे बड़ा टैलेंट है, टॉप क्लास टैलेंट है। रघुराम राजन जी बैठे हैं, आर.बी.आई. है, दुनिया के इकोनॉमिस्ट हैं, टॉप ब्यूरोक्रेट्स हैं, आप किसी से भी पूछ लेते! आपने नोटबंदी की, आपने किसी से पूछा? कैबिनेट से भी नहीं पूछा, वित्त मंत्री से नहीं पूछा, मजाक थोड़े ही है! आपने गब्बर सिंह टैक्स लागू किया, किससे पूछा, 12:00 बजे रात धूमधाम से किया मगर आपने किसी छोटे दुकानदार से पूछा - भैया, क्या होगा? पांच अलग-अलग टैक्स लग गए, 28 फीसदी टैक्स लग गया, हर महीने आपको 10 फॉर्म भरने पड़ेंगे, तो क्या होगा? आपने जनता की आवाज नहीं सुनी। नरेंद्र मोदी जी आपने सिर्फ आपके दिल में जो था, आपने वो सुना। आपने अपने मन की बात सुनी, देश के मन की बात क्यों नहीं सुनी, इसलिए हम आपसे लड़ रहे हैं।

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बेरोजगारी के मुद्दे पर क्या स्टैंड है, अभी जो स्टडीज आ रही हैं उसमें यह देखने को मिल रहा है कि 40 फीसदी रोजगार और कम होने जा रहा है। इस पर अगले 5 साल में कांग्रेस पार्टी का क्या स्टैंड रहेगा? आपने जैसा कहा है कि 22 लाख लोगों को नौकरी देंगे, यह कैसे होगा? पैसा कहां से आएगा?

  • मेरा लक्ष्य है हिंदुस्तान के जो छोटे और मझोले उद्यम हैं, उनको पूरी तरह मदद करना, आर्थिक मदद करना। उनको संरक्षण देना। उनको तकनीकी मदद करना। हमने बहुत अच्छा एक आइडिया निकाला है, बिजनैस शुरू करने के लिए 3 साल किसी को कोई मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। रैवोल्यूशनरी आइडिया- न्याय योजना, जो नरेंद्र मोदी जी ने हिंदुस्तान की इकॉनमी को जामकर रखा है, उसको जंप स्टार्ट देना। सीधे लोगों के हाथ में परचेजिंग कैपेसिटी डालना। जब लोगों को पैसा मिलेगा, वह माल खरीदेंगे, तो दुकान में माल बिकेगा। फैक्ट्रियां चालू हो जाएंगी। लोगों को काम मिलेगा।



न्याय योजना के तहत 72 हजार रुपए हर साल देने की बात की जा रही है। क्या आपको लगता है कि आप इसे सही ढंग से प्रचारित कर पाए? चुनाव के सारे चरणों के बाद भी लोगों तक यह बात पहुंच पाई?

  • देखिए, नरेंद्र मोदी जी के पास पैसा बहुत है। हमसे 10-15 गुना ज्यादा पैसा है। मार्कीटिंग उनकी बहुत अच्छी है। हमारे पास सीमित संसाधन थे। देश भर में हमारे कार्यकर्त्ताओं ने अपनी पूरी कोशिश की। मुझे लगता है उन्होंने न्याय योजना की बात दूर-दराज के लोगों तक पहुंचाई है।

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पी.एम. ने राष्ट्रवाद का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है, क्या कांग्रेस ने सोचा था कि मोदी जी यह मुद्दा उठाएंगे? क्या सेना पर राजनीति की जानी चाहिए या उसको लेकर राजनीतिक बहस की जानी चाहिए?

  • एक तो सबसे पहले भाजपा के नेता ने कहा, ‘मोदी की सेना’ परंतु हमारी सेना मोदी की सेना नहीं है, हिंदुस्तान की सेना है। पुलवामा हमले के बाद मैंने साफ कहा कि हम इसको राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाने वाले हैं। हमारा पूरा समर्थन सी.आर.पी.एफ . के जवानों के साथ है। पूरा समर्थन सरकार को है। नरेंद्र मोदी जी ने इसका राजनीतिकरण किया, उसका राजनीतिक उपयोग करने की कोशिश की, मैं इसके विरोध में हूं। मुख्य बात यह है कि नरेंद्र मोदी जी ने तीन-चार वादे किए थे। 2 करोड़ युवाओं को रोजगार, 15 लाख हर बैंक खाते में, किसानों को सही दाम, भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई, उनके बारे में वह कुछ कह नहीं पा रहे हैं, क्योंकि उन सभी में वह फेल हो गए। राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं, तो मैं राफेल की बात करता हूं। फ्रांस के राष्ट्रपति ने बताया कि नरेंद्र मोदी ने उनसे कहा था कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट मिलना चाहिए।
  • नरेंद्र मोदी जी को यह समझाना चाहिए कि राफेल मामले में उन्होंने क्यों चोरी करवाई, अनिल अंबानी को ठेका क्यों दिया? अनिल अंबानी पर 45,000 करोड़ रुपए का कर्जा है। उनको जेल जाने से उनके भाई ने बचाया। ऐसा आदमी दुनिया का सबसे बड़ा डिफैंस का कॉन्ट्रैक्ट कैसे पूरा करेगा? खरीदारी को लेकर भी वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि नरेंद्र मोदी समानांतर बातचीत कर रहे थे। मुझे यह समझाइए न, आप राष्ट्रीय सुरक्षा की बात करते हैं, राफेल राष्ट्रीय सुरक्षा नहीं है क्या? मैंने कहा मेरे साथ डिबेट कीजिए। आइए मुझे 15 मिनट दीजिए, आप 2 घंटे ले लीजिएगा। मैं सिर्फ 15 मिनट लूंगा। मैं गारंटी देता हूं नरेंद्र मोदी मुंह नहीं दिखा पाएंगे उसके बाद।

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बदले की राजनीति की बहुत बात हो रही है ममता बनर्जी ने कहा कि एक-एक बात का बदला लूंगी। मायावती भी उसी तरह की भाषा बोल रही हैं, इस पर आप क्या कहना चाहेंगे?

  • मैं बदले की भावना में विश्वास नहीं रखता। मैं न्याय में विश्वास रखता हूं। अगर किसी ने कानून तोड़ा है, तो जरूर कार्रवाई होनी चाहिए। बदला बिल्कुल नहीं। मैं आपको बता रहा हूं, नरेंद्र मोदी जी मेरे खिलाफ कुछ भी करें, कोई भी झूठ बोलें, मेरे अंदर कभी बदले की भावना नहीं पैदा होती। भाजपा-आर.एस.एस. के लोग मेरे ऊपर जो भी आक्रमण करें, गलत बात बोलें, हिंसा का प्रयोग करें, मैं वापस सिर्फ प्यार दूंगा। मैं इन्हें प्यार से हराऊंगा। देश के साथ न्याय होगा और दोषियों को सजा मिलेगी।


तीसरा मोर्चा इधर एक नई तरह की रणनीति अपना रहा है। चंद्रशेखर राव द्रमुक नेता स्टालिन से मिल रहे हैं, जिनसे आपके पहले से संबंध हैं, उनको तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं?

  • 23 तारीख को मालिक बोलेगा और मालिक जो बोलेगा वही होगा।


कांग्रेस शासित प्रदेश खास तौर से जो तीन नए राज्य हैं, इनके प्रदर्शन को आप कैसे रेट करेंगे?

  • पहला कदम, कर्जा माफी से मैं संतुष्ट हूं। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा, कांग्रेस सरकार ने कर्ज माफ नहीं किया। हमने उन्हें हर परिवार के रिकॉर्ड दिखा दिए। कांग्रेस सरकार ने मध्य प्रदेश में सिर्फ कर्जा माफ नहीं किया बल्कि शिवराज सिंह चौहान के परिवार का कर्जा भी माफ कर दिया है। कर्जा माफी में बहुत अच्छा काम हो रहा है, मगर मैं चाहता हूं कि यह तीनों राज्य किसानों के लिए योजना बनाएं- फूड प्रोसैसिंग की योजना बनाएं, विकास का काम करें, औद्योगिकीकरण का काम करें, छोटे, मझोले बिजनैस का काम करें। अभी तो शुरूआत हुई है, मगर जो पहला कदम था -कर्जा माफी, उस पर मैं उन्हें पूरे अंक दूंगा।

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आजकल बहुत निजी सवाल हो रहे हैं और जवाब भी दिए जा रहे हैं। आप खाते क्या हैं? आप सोते कितना हैं? आप फिल्में कितनी देखते हैं?

  • 3 घंटे नहीं सोता हूं, मैं 6-7 घंटे सोता हूं। चुनाव के समय थोड़ा कम हो जाता है 5 घंटे ही सो पाता हूं। 3 घंटे सोकर मैं मैनेज नहीं कर पाता। खाने में मुझे सब कुछ पसंद है, जो भी मुझे मिलता है मैं खा लेता हूं। मेरी थोड़ी आदत खराब है मिठाई के मामले में। अमेठी में मिल्क केक मिलता है, वह थोड़ा ज्यादा खा लेता हूं।


आपने अपना शरीर स्वस्थ रखा है। क्या राज है?

  • मुझे दौड़ने का शौक है और यही मेरी सेहत का राज भी है।

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‘आप’ से समझौता न होने का खुलासा: जोर से वापसी कर रही है कांग्रेस दिल्ली में दिल्ली में
इस बार तो आम आदमी पार्टी से समझौता नहीं हो पाया। क्या अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए गठजोड़ की कोई संभावना है?

  • मैं मानता हूं कि कांग्रेस को दिल्ली के लोगों ने हमेशा पसंद किया है। कांग्रेस को 2014 का झटका अस्थायी था। उसके अलग कारण थे। हमारी गलतियां थीं पर अब कांग्रेस दिल्ली में वापस आ रही है और जोर से आ रही है। देखना, लोकसभा में ताकत से वापस आएगी। रही बात आम आदमी पार्टी से इस बार समझौता न हो पाने की, तो मैं आपको सीक्वेंस बताता हूं। चुनाव के पहले मैंने दिल्ली कांग्रेस के नेताओं के साथ मीटिंग की और उनसे पूछा कि आप अकेले लडऩा चाहते हैं या आम आदमी पार्टी के साथ लडऩा चाहते हैं? कांग्रेस के सभी नेताओं ने कहा, अलग लड़ना चाहते हैं। मैंने कहा ठीक है। कांग्रेस ने फैसला किया कि गठबंधन स्वीकार नहीं करेंगे। उसके बाद विपक्ष के बड़े नेताओं के बीच बैठक हुई। शरद पवार जी के घर केजरीवाल जी मेरे बगल मे बैठे थे। उन्होंने मुझसे कहा, राहुल जी- हमें दिल्ली में गठबंधन करना है। अगर नहीं हुआ तो नुक्सान हो जाएगा। मैंने उनसे कहा देखिए मेरी पूरी पार्टी कह रही हैं कि गठबंधन नहीं करना चाहिए, मगर आपने कहा है, तो मैं अपनी पार्टी से दोबारा पूछूंगा। यह मैंने वहां उपस्थित सभी नेताओं के सामने कहा। उसके बाद मैंने अपने नेताओं से कहा, देखिए यथार्थ यह है कि भाजपा को हराना जरूरी है। मैं चाहता हूं कि आप समझौते के प्रस्ताव पर दोबारा विचार करें। फिर केजरीवाल जी से मीटिंग की, उसमें केजरीवाल जी ने कहा 4-3 का फॉर्मूला होगा।
     
  • 4 सीट पर आम आदमी पार्टी और 3 सीट पर कांग्रेस चुनाव लड़े और यह चर्चा विपक्ष के अन्य नेताओं के सामने हुई। फिर जैसे ही हमने केजरीवाल जी से कहा की 4-3 हमें स्वीकार है, तो केजरीवाल जी हरियाणा, पंजाब की बात करने लगे इसलिए मुझे नहीं लगता कि केजरीवाल जी दिल्ली में कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहते थे। मैंने आखिरी मिनट तक कहा कि भाजपा को हराना है 4 सीटें आप लीजिए, 3 सीटें हमें दीजिए और खत्म कीजिए लेकिन वह नहीं माने। लटकाना चलता रहा।

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