Edited By Punjab Kesari,Updated: 30 Mar, 2018 06:00 PM
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही न्यायपालिका पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं तथा न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्यायाधीशों के चयन एवं उनकी नियुक्ति से संबंधित...
बेंगलुरु: कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार 2014 में सत्ता में आने के बाद से ही न्यायपालिका पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं तथा न्यायपालिका की स्वतंत्रता और न्यायाधीशों के चयन एवं उनकी नियुक्ति से संबंधित उसके संवैधानिक अधिकार का दमन किया है। सुरजेवाला ने यहां संवाददाताओं से कहा कि न्यापालिका पर दबाव और उसका दमन मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा नीत राजग सरकार के डीएनए में है। उन्होंने उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जे चेलमेश्वर द्वारा केन्द्र सरकार पर न्यायपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप का आरोप लगाए जाने को लेकर यह बयान दिया है। न्यायमूर्ति चेलमेश्वर ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा को लिखे एक पत्र में यह आरोप लगाया है।
सुरजेवाला ने लगाया मोदी सरकार पर आरोप
न्यायाधीशों की नियुक्ति में सरकार के हस्तक्षेप का उदाहरण देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि कॉलेजियम (उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के समूह) द्वारा देश के प्रतिष्ठित न्यायविद् गोपाल सुब्रमण्यम के नाम की सिफारिश किए जाने के बावजूद मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने जानबूझकर उच्चतम न्यायालय में उनकी नियुक्ति पर रोक लगा रखी है। यह केवल इसलिए हो रहा है क्योंकि सुब्रमण्यम भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ अदालत में उपस्थित हुए थे। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश सी एम जोसफ की भी उच्चतम न्यायालय में नियुक्ति रोकी गई है क्योंकि उन्होंने उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन खत्म कर दिया था। इसी तरह जानी-मानी न्यायविद् इंदु मल्होत्रा की भी नियुक्ति पर रोक लगाई गई है।
मोदी सरकार के खिलाफ उठ खड़े हुए वरिष्ठतम न्यायाधीश
उन्होंने कहा, हमने देखा है कि कैसे उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश मोदी सरकार के खिलाफ उठ खड़े हुए और कहा कि सरकार न्यायपालिका के काम में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है। यह उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति को प्रभावित करने का प्रयास है और न्यायिक फैसलों को जानबूझकर प्रभावित करने की कोशिश है। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों में उच्च पदों पर 200 से अधिक नियुक्तियां कॉलेजियम की ओर से स्वीकृति मिलने के बावजूद रोक रखी हैं क्योंकि वह अपनी पसंद के न्यायाधीशों को नियुक्त करना चाहती है।