Edited By Pardeep,Updated: 31 Aug, 2018 11:00 PM
कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राफेल सौदा करोड़ों ‘‘हितों के टकराव’’ तथा ‘‘परस्पर लाभ’’ पहुंचाने की गाथा है तथा यदि सरकार के पास इस सौदे को लेकर छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो उसे संयुक्त संसदीय समिति की जांच पर सहमति जतानी चाहिए। कांग्रेस...
नई दिल्ली: कांग्रेस ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राफेल सौदा करोड़ों ‘‘हितों के टकराव’’ तथा ‘‘परस्पर लाभ’’ पहुंचाने की गाथा है तथा यदि सरकार के पास इस सौदे को लेकर छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो उसे संयुक्त संसदीय समिति की जांच पर सहमति जतानी चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक रिपोर्ट के हवाले से आरोप लगाया कि तत्कालीन फ्रांसीसी राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के 2016 में 36 राफेल विमानों को देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर करने से दो दिन पहले भारत में एक व्यवसायी की एक कंपनी ने ओलांद के साझेदार तथा अभिनेता जूली गायेत के साथ एक फिल्म के लिए करार पर हस्ताक्षर किए थे।
उन्होंने कहा कि इस भारतीय कंपनी को राफेल सौदे में एक लाख करोड़ रुपए का ऑफसेट करार मिला था। सिंघवी ने कहा,‘‘कांग्रेस पार्टी अपने अध्यक्ष राहुल गांधी की उस मांग को दोहराती है जिसमें इस करोडों ‘‘हितों के टकराव’’ तथा ‘‘परस्पर लाभ’’ पहुंचाने की गाथा, जिसे राफेल घोटाला कहा जा सकता है, की जांच संयुक्त संसदीय समिति से कराई जाये।