Edited By shukdev,Updated: 11 Mar, 2020 12:43 AM
ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपने समर्थक विधायकों संग भाजपा के खेमें में पहुंच गए हैं। सिंधिया के इस कदम से कमलनाथ सरकार का बाहर होना लगभग तय हो गया है। कांग्रेस से 18 साल का साथ छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा...
नई दिल्ली: ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस से इस्तीफा देकर अपने समर्थक विधायकों संग भाजपा के खेमें में पहुंच गए हैं। सिंधिया के इस कदम से कमलनाथ सरकार का बाहर होना लगभग तय हो गया है। कांग्रेस से 18 साल का साथ छोड़कर ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा का हिस्सा बन रहे हैं।
कांग्रेस छोड़कर भाजपा के साथ जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के दल बदल की पटकथा पिछले साल अपने निधन से पहले भाजपा के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली लिख गए थे। लेकिन जेटली की बिगड़ी सेहत और फिर निधन ने सिंधिया के कदम तब रोक दिए थे, और वह सही मौके की तलाश करने लगे थे। राज्यसभा चुनावों ने उन्हें यह मौका दिया और सिंधिया ने जेटली के जमाने में लिखी गई अपने भाजपा प्रवेश की अधूरी पटकथा को अब पूरा कर दिया।
हालांकि आखिरी वक्त में कांग्रेस नेतृत्व सिंधिया को मध्यप्रदेश से राज्यसभा में भेजने और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को तैयार हो गया था, लेकिन सिंधिया की तीसरी बड़ी शर्त कि राज्यसभा की दूसरी सीट पर दिग्विजय सिंह की जगह किसी अन्य ओबीसी नेता को भेजा जाए, को मानने से कांग्रेस नेतृत्व ने इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल अपने टि्वटर हैंडल में अपनी पहचान से कांग्रेस को अलग करके सुर्खियों में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से अपनी बढ़ती दूरी का संकेत दे दिया था। इसके बाद मध्यप्रदेश में पिछले दिनों उनका यह बयान कि अगर वादे पूरे नहीं हुए तो वह सड़कों पर उतरेंगे, बहुत कुछ बता गया था।