मिशन 2019: पश्चिम बंगाल में अकेले ही चुनाव लड़ेगी कांग्रेस

Edited By vasudha,Updated: 13 Nov, 2018 04:16 PM

congress will contest election alone in west bengal

कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले लडऩे के पक्ष में है, जबकि भाजपा को उखाड़ फेंकने की अपनी मुहिम के तहत पार्टी देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर रही है...

नेशनल डेस्क: कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई राज्य में लोकसभा चुनाव अकेले लडऩे के पक्ष में है, जबकि भाजपा को उखाड़ फेंकने की अपनी मुहिम के तहत पार्टी देश के अन्य हिस्सों में विभिन्न क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर रही है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस कमेटी (डब्ल्यूबीपीसीसी) के अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने बताया कि कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई ने अपने विचार से पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी को अवगत करा दिया है और इस मुद्दे पर अंतिम फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) का नेतृत्व करेगा।     

कांग्रेस को पहले भी लग चुका है झटका 
अपने निर्वाचित प्रतिनिधियों के पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में जाने से कांग्रेस को पहले ही झटका लग चुका है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उसकी बंगाल इकाई का मानना है कि माकपा या तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन पार्टी के लिये ‘‘दीर्घकालिक’’ हित में नहीं होगा और इस तरह की संभावना राज्य में भविष्य में सिर्फ पार्टी के आधार को खत्म करेगी। हालांकि कांग्रेस ने क्षेत्रीय पार्टियां जद (एस) और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर क्रमश: कर्नाटक एवं उत्तर प्रदेश में सफलता का स्वाद भी चखा।     

बंगाल में अपना अस्तित्व बचाना चाहती है कांग्रेस 
मित्रा ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ अपनी बैठक के दौरान मैंने स्पष्ट रूप से उनसे कहा कि अच्छा होगा अगर हम अकेले ही लोकसभा चुनाव लड़ें। संभव है हम कई सीटें नहीं जीत सकें लेकिन भविष्य में हमारी पार्टी का बंगाल में अस्तित्व बना रहेगा। उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर संभव है कि हम अधिक सीटें जीतें, लेकिन इससे यही सुनिश्चित होगा कि कांग्रेस का बंगाल में अस्तित्व खत्म हो जायेगा क्योंकि तृणमूल हमारे विधायकों और निर्वाचित प्रतिनिधियों को फंसाने की जुगत में है।

वाम मोर्चा के साथ गठबंधन से इंकार 
पी चिदंबरम जैसे केन्द्र में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भाजपा को हराने के लिये राज्यवार गठबंधन की हिमायत कर चुके हैं। राज्य के कांग्रेस नेताओं के अनुसार माकपा नेतृत्व वाले वाम मोर्चा के साथ गठबंधन करने से कोई उद्देश्य पूरा नहीं होगा और इससे सीटें जीतना भी सुनिश्चित नहीं होगा क्योंकि वाम दल खुद राज्य में अपनी जड़ बचाने की जद्दोजहद में है।

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